अमेरिका द्वारा रूस से तेल आयात को लेकर भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने और कुल शुल्क को 50 प्रतिशत तक पहुंचाने के बावजूद, यूक्रेन की ऊर्जा ज़रूरतों में भारत अहम भूमिका निभा रहा है। ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि जुलाई 2025 में यूक्रेन ने सर्वाधिक डीजल भारत से खरीदा। इस अवधि में भारत ने अन्य आपूर्तिकर्ताओं को पीछे छोड़ते हुए यूक्रेन का सबसे बड़ा डीजल स्रोत बना लिया और उसके कुल आयात में 15.5 प्रतिशत हिस्सेदारी कर ली।
यूक्रेन की ऑयल एनालिटिक्स फर्म नैफ़्टोरिनोक के अनुसार, जुलाई में भारत से औसतन 2,700 टन डीजल प्रतिदिन भेजा गया, जो इस वर्ष भारत के उच्चतम निर्यात स्तरों में गिना गया। महज़ एक साल पहले जुलाई 2024 में भारत की हिस्सेदारी केवल 1.9 प्रतिशत थी।
अमेरिका-भारत तनाव के बीच चौंकाने वाले आंकड़े
यह स्थिति उस समय सामने आई है जब वाशिंगटन ने नई दिल्ली पर रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने और उसे दुनिया को महंगे दामों पर बेचने का आरोप लगाते हुए भारी शुल्क लगा रखा है। अमेरिका का मानना है कि इससे रूस को आर्थिक मजबूती मिल रही है। इसके विपरीत, भारत अब यूक्रेन को डीजल उपलब्ध कराने वाला प्रमुख सप्लायर बन गया है, जबकि उसकी रूस से करीबी रिश्ते जगजाहिर हैं।
सप्लाई रूट
भारतीय डीजल यूक्रेन तक कई रास्तों से पहुंच रहा है। इसका बड़ा हिस्सा रोमानिया से डेन्यूब नदी के जरिए टैंकरों द्वारा पहुंचता है। इसके अलावा तुर्की के मरमारा एरेग्लिसी पोर्ट स्थित ओपीईटी टर्मिनल के माध्यम से भी सप्लाई जारी है, जो आंशिक पाबंदियों के बावजूद सक्रिय है। इन रास्तों ने भारत को जटिल भू-राजनीतिक परिस्थितियों में भी एक भरोसेमंद सप्लायर साबित किया है।
2025 में बढ़ी हिस्सेदारी
जनवरी से जुलाई 2025 तक भारत की हिस्सेदारी 10.2 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के 1.9 प्रतिशत से पांच गुना अधिक है। भौतिक रूप से भारत का निर्यात अभी भी ग्रीस और तुर्की से कम है, लेकिन जुलाई के आंकड़े अनुपातिक दृष्टि से भारत को सभी प्रतिस्पर्धियों से आगे रखते हैं।
जुलाई का आयात ढांचा
जुलाई में भारत शीर्ष पर रहा, जबकि ग्रीस, तुर्की और स्लोवाकिया भी यूक्रेन को पर्याप्त सप्लाई देते रहे। पोलैंड और लिथुआनिया के ओरलेन समूह की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत रही। वहीं, पोलैंड और डेनमार्क के जरिए स्वीडन का निर्यात रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो जुलाई आयात का करीब 4 प्रतिशत था।
द्विपक्षीय व्यापार की स्थिति
भारत और यूक्रेन का द्विपक्षीय व्यापार 2019-20 में 2.76 अरब डॉलर से बढ़कर 2021-22 में 3.39 अरब डॉलर तक पहुंचा था। हालांकि युद्ध के चलते 2022-23 में इसमें 77 प्रतिशत की भारी गिरावट आई और यह घटकर 782.94 मिलियन डॉलर रह गया। 2023-24 में यह मामूली तौर पर और गिरकर 713.16 मिलियन डॉलर पर पहुंचा। लेकिन 2024-25 में सुधार के संकेत दिखे हैं। इस दौरान भारत का निर्यात 132.68 मिलियन डॉलर से बढ़कर 187.39 मिलियन डॉलर हुआ, जबकि यूक्रेन से आयात लगभग दोगुना होकर 1.03 अरब डॉलर तक पहुंच गया।