बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर संसद में गतिरोध लगातार बना हुआ है। विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है, वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए इस पर संसद में बहस संभव नहीं।
बुधवार को लोकसभा में इस विषय पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। संसद के मानसून सत्र में अभी तक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा और कुछ विधेयकों को छोड़ अन्य काम नहीं हो सका है। विपक्ष का आरोप है कि SIR की प्रक्रिया के तहत बड़ी संख्या में लोगों के मताधिकार को प्रभावित किया जा रहा है।
संसद में चर्चा की अनुमति नहीं: रिजिजू
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में कहा कि न्यायिक विचाराधीन मामलों पर संसद में चर्चा की अनुमति नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग जैसी स्वतंत्र संस्थाओं के कार्यों पर भी सदन में बहस नहीं की जा सकती। मंत्री ने सदस्यों से अपील की कि वे विधेयकों पर चर्चा में सहयोग करें।
चुनाव आयोग ने दी जानकारी, सुप्रीम कोर्ट में 12 अगस्त को सुनवाई संभावित
उधर, चुनाव आयोग ने बुधवार को सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि 1 अगस्त को बिहार में मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन के बाद से 6 अगस्त सुबह 9 बजे तक किसी भी राजनीतिक दल ने विशेष पुनरीक्षण को लेकर आपत्ति दर्ज नहीं कराई है।
इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय 12 अगस्त को सुनवाई कर सकता है। कोर्ट ने पुनरीक्षण के विरोध में याचिका दाखिल करने वाले राजनीतिक दलों को 8 अगस्त तक अपना पक्ष रखने को कहा है।