दुबई कोर्ट ने भारतीय कारोबारी पर 358 करोड़ का जुर्माना और जेल की सजा बरकरार रखी

दुबई की अपीलीय अदालत ने भारतवंशी कारोबारी बलविंदर सिंह साहनी उर्फ ‘अबू सबाह’ और उनके सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगाया गया जुर्माना बढ़ाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 358 करोड़ रुपये (150 मिलियन दिरहम) का यह दंड बरकरार रखते हुए पांच साल की कैद, 1.19 करोड़ रुपये (5 लाख दिरहम) का अतिरिक्त जुर्माना और सजा पूरी होने के बाद निर्वासन का प्रावधान भी कायम रखा है।

अवैध नेटवर्क को मिली फंडिंग
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि साहनी ने कथित नेटवर्क को वित्तीय मदद पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके लिए उन्होंने यूएई स्थित अपनी कंपनियों से करीब 47.74 करोड़ रुपये (2 मिलियन दिरहम) निकाले। जांच में सामने आया कि धन को दुबई स्थित एक अपार्टमेंट के माध्यम से घुमाया गया और परिवार के सदस्यों के वॉलेट का उपयोग कर बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसियों में छिपाया गया।

सामूहिक जिम्मेदारी तय
प्रॉसिक्यूशन ने दलील दी थी कि कुल 429.65 करोड़ रुपये (18 मिलियन दिरहम) की हेराफेरी हुई है, हालांकि अपीलीय अदालत ने 358 करोड़ रुपये (15 मिलियन दिरहम) को ही मान्य किया। अदालत ने आदेश दिया कि दोषियों पर यह जुर्माना सामूहिक रूप से लागू होगा। साथ ही, संबंधित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त करने का भी निर्देश दिया गया है।

33 आरोपितों को सजा
इस मामले में साहनी, उनके बेटे सहित 33 लोगों को शामिल पाया गया। अदालत ने मई महीने में इन सभी को फर्जी कंपनियों और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर अवैध धन नेटवर्क चलाने का दोषी करार दिया था।

महंगी कार प्लेट से चर्चा में आए थे
बलविंदर सिंह साहनी उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने वर्ष 2016 में 5 नंबर की एक कार प्लेट खरीदने के लिए 787.46 करोड़ रुपये (3 मिलियन दिरहम) खर्च किए थे। इसके बाद से वे लगातार चर्चा में रहे।

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