सोनीपत: अवैध खनन मामले में कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार गिरफ्तार

अवैध खनन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED ) ने हरियाणा के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है और उन्हें शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है. अवैध खनन मामले में ईडी काफी समय से जांच करने में लगी हुई है. इस साल की शुरुआत में भी ईडी ने सुरेंद्र पंवार और उनके साथियों के घर पर छापा मारा था.

ईडी सुरेंद्र पंवार को गिरफ्तार करने के लिए अपने साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को लेकर पहुंची थी. धन शोधन का यह मामला हरियाणा पुलिस की ओर से दर्ज की गई कई एफआईआर से सामने आया. एफआईआर में आरोप लगाया गया कि यमुनानगर और आसपास के जिलों में लीज अवधि खत्म होने के बाद और कोर्ट के आदेश के बाद भी बोल्डर, बजरी और रेत के कथित अवैध खनन होता रहा.

पंवार के साथियों के यहां भी ईडी मार चुकी है रेड

ईडी ने सुरेंद्र पंवार को उनके अंबाला में स्थित ऑफिस से गिरफ्तार किया है. इससे पहले यमुनानगर, करनाल और फरीदाबाद में हो रहे अवैध खनन के मामले में इसी साल जनवरी में सुरेंद्र पंवार और उनके साथियों के यहां ईडी ने रेड की थी. जिसमें ईडी को सुरेंद्र के घर से तो कुछ खास नहीं मिला था, लेकिन इनेलो के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के घर और ऑफिस से और उनके साथियों के ठिकानों से अवैध विदेशी हथियार, 300 कारतूस, 100 से ज्यादा शराब की बोतलें और पांच करोड़ रुपये कैश मिले थे. सुरेंद्र पंवार और दिलबाग सिंह काफी लंबे समय तक खनन में पार्टन रहे हैं. सुरेंद्र पंवार के घर पर ईडी की टीम ने करीब 38 घंटे जांच की थी.

केंद्रीय एजेंसी ‘ई-रावण’ योजना में कथित धोखाधड़ी की भी जांच कर रही है, जो एक ऑनलाइन पोर्टल है जिसे हरियाणा सरकार ने 2020 में रॉयल्टी और करों के संग्रह को आसान बनाने व खनन क्षेत्रों में कर चोरी को रोकने के लिए लाया था. जुलाई 2022 में पंवार ने अपने परिवार की सुरक्षा और सहित व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. बाद में सोनीपत के विधायक ने कहा कि वह अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने उन्हें पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का आश्वासन दिया है.

कौन है सुरेंद्र पंवार?

सुरेंद्र पंवार ने साल 2019 में कांग्रेस के टिकट पर सोनीपत से विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत हासिल की थी. उनके सामने भारतीय जनता पार्टी ने कविता जैन को उतारा था, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा था. सुरेंद्र पंवार ने अपने हलफनामे में अकूत संपत्ति दिखाई थी. हलफनामे के आधार पर पंवार हरियाणा के सबसे अमीर उम्मीदवारों में शामिल थे. पंवार ने 27 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी.

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