अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रा पर ईडी का शिकंजा, मुंबई-इंदौर में छापेमारी

मुंबई/इंदौर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ चल रही फेमा जांच के सिलसिले में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कई ठिकानों पर तलाशी ली। सूत्रों के अनुसार, मुंबई और इंदौर के महू में कम से कम छह परिसरों पर यह कार्रवाई की गई। एजेंसी कंपनी पर विदेशों में अवैध रूप से धन भेजने के आरोपों की जांच कर रही है।

ईडी पहले से ही धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और समूह की अन्य कंपनियों द्वारा 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कथित वित्तीय अनियमितताओं और ऋण डायवर्जन की जांच कर रही है। यह कार्रवाई बाजार नियामक सेबी की उस रिपोर्ट के बाद शुरू हुई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने सीएलई नामक इकाई के जरिये इंटर-कॉर्पोरेट डिपॉजिट्स (आईसीडी) का धन अन्य रिलायंस कंपनियों में डायवर्ट किया। रिपोर्ट में कहा गया था कि आर इंफ्रा ने शेयरधारकों और ऑडिटर्स की मंजूरी से बचने के लिए सीएलई को अपनी संबद्ध कंपनी नहीं बताया।

रिलायंस समूह ने आरोपों को नकारते हुए कहा था कि यह मामला करीब दस साल पुराना है और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। कंपनी ने अपने वित्तीय दस्तावेजों में स्पष्ट किया कि वास्तविक जोखिम करीब 6,500 करोड़ रुपये का है, न कि 10 हजार करोड़ रुपये का। समूह ने फरवरी 2025 में इस विवाद का खुलासा करते हुए बताया था कि एक अनिवार्य मध्यस्थता प्रक्रिया और बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर अवार्ड के जरिए पूरे 6,500 करोड़ रुपये की वसूली के लिए समझौता किया गया है।

कंपनी की ओर से यह भी कहा गया कि अनिल अंबानी मार्च 2022 से रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड का हिस्सा नहीं हैं।

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