महाराष्ट्र भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने शुक्रवार को महा विकास अघाड़ी (एमवीए) पर आरोप लगाया कि सत्ता में रहने के दौरान उसने मराठा समुदाय की चिंताओं को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि आज जब कार्यकर्ता मनोज जरांगे मुंबई में आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, तब भी शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस नेतृत्व चुप्पी साधे हुए हैं।
उपाध्ये ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि एमवीए शासन के दौरान इन नेताओं ने जानबूझकर मराठा समाज को अनदेखा किया। आज भी जब बिना ओबीसी कोटे को प्रभावित किए आरक्षण की मांग उठाई जा रही है, तब भी ये सभी स्पष्ट रुख नहीं अपना रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शरद पवार खुद पहले कह चुके हैं कि आरक्षण का मुद्दा अब नहीं उठाना चाहिए, लेकिन अब वे विरोधाभासी बयान दे रहे हैं। उपाध्ये ने यह भी कहा कि शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने मराठा समाज की मौन रैलियों को ‘मूक मोर्चा’ कहकर मजाक उड़ाया और कांग्रेस ने दशकों से मराठों को केवल वोट बैंक समझा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी का रुख साफ है– मराठा समाज को आरक्षण मिलना चाहिए और इसके लिए कानूनी तैयारी की जा रही है। उन्होंने याद दिलाया कि देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती सरकार ने मराठों को 10% आरक्षण देने का फैसला किया था, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
उपाध्ये ने यह भी गिनाया कि पिछली महायुति सरकार ने शिंदे समिति के कार्यकाल को बढ़ाया था, आंदोलन में मारे गए लोगों के परिवारों को नौकरी दी गई थी और अन्नासाहेब पाटिल वित्त निगम के जरिए लगभग एक लाख मराठा उद्यमियों को 8,320 करोड़ रुपये की सहायता दी गई। इसके अलावा राजर्षि शाहू महाराज शुल्क भरपाई योजना के तहत 9,262 करोड़ रुपये वितरित कर 17.54 लाख छात्रों को लाभ पहुंचाया गया।
उन्होंने कहा, भाजपा की सरकार हमेशा मराठा समाज के प्रति संवेदनशील रही है और ठोस कदम उठाए हैं, जबकि शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के पास न तो नीति है, न जवाबदेही और न ही स्पष्ट दिशा। यह रवैया सामाजिक न्याय के साथ धोखा है और जनता को इसे अस्वीकार कर देना चाहिए।
शुक्रवार सुबह मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन का असर सड़कों पर साफ दिखा। हजारों प्रदर्शनकारी दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान की ओर बढ़े, जिससे कई मार्गों पर जाम की स्थिति बन गई। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) की ओर जाने वाली सड़कों पर यातायात बेहद धीमा रहा।
व्यस्त समय में कई बीईएसटी बसें लंबे समय तक ट्रैफिक में फंसी रहीं। रोजाना सीएसएमटी पहुंचकर आगे दफ्तर जाने वाले लोगों को अतिरिक्त भीड़ और जाम के कारण कठिनाई झेलनी पड़ी।
इस बीच, मध्य रेलवे की लोकल सेवा भी प्रभावित हुई। एक मालगाड़ी के इंजन में खराबी से बायकुला स्टेशन के पास लोकल ट्रेनें अटक गईं और मुख्य लाइन पर देरी हुई। यात्रियों ने बताया कि उपनगरीय और हार्बर लाइन की ट्रेनों में सामान्य से ज्यादा भीड़ रही।
यात्रियों का कहना था कि वडाला से सीएसएमटी तक लगभग सभी स्टेशनों पर आंदोलनकारी मौजूद थे। प्रदर्शन के कारण बीईएसटी की कई बस सेवाएं देरी से चलीं, कुछ मार्गों को छोटा या डायवर्ट करना पड़ा और कई बसें जरूरत से ज्यादा भरी हुई थीं।