महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर वसूली के आरोपों के बाद सियासी घमनासान थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी बीच आज महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा। भाजपा ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की ओर से लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है।
सीएम उद्धव की चुप्पी चिंताजनक
वहीं राज्यपाल से मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल को सीएम से सवाल पूछने चाहिए कि अनिल देशमुख, सचिव वाजे और इनसे संबंधित पूरे मामले पर क्या कार्रवाई की गई है। सीएम उद्धव की चुप्पी चिंताजनक है। पूरी घटना दुखदायी और आश्चर्यचकित करने वाली है। फडणवीस के कहा, महाराष्ट्र में जिस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं, चाहे पैसे की उगाही की घटना हो या ट्रांसफर का रैकेट हो, ये सारी घटनाएं दुखदायी हैं। इतनी सारी घटनाएं होने के बावजूद मुख्यमंत्री ने उस पर एक बयान भी नहीं दिया।
शरद पवार को देशमुख के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई: फडणवीस
इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया था कि गृह मंत्री अनिल देशमुख की जांच में कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद उनके क्रियाकलाप के बारे में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को सही सूचना नहीं दी गई। फडणवीस ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी दावा किया कि राज्य में महा विकास आघाडी सरकार ने राज्य के खुफिया विभाग की एक ठोस रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की जिसमें पुलिस अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति में भ्रष्टाचार के संबंध में हुई बातचीत का ऑडियो था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने कहा, च्च्वीआईपी लोगों के आवागमन संबंधी पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अनिल देशमुख 17 फरवरी को मुंबई में सह्याद्री अतिथि गृह और 24 फरवरी को मंत्रालय गए थे। उन्होंने कहा, देशमुख 15 फरवरी से 27 फरवरी के बीच घर पर पृथक-वास में थे लेकिन अधिकारियों से मुलाकात कर रहे थे। मुझे लगता है कि पवार साहब को कल ठीक से इसके बारे में नहीं बताया गया।