ज्ञानवापी में पहले दिन का सर्वे पूरा, कल से मसाजिद कमेटी भी रहेगी शामिल

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार सुबह ज्ञानवापी परिसर के एएसआई के सर्वे का काम शुरू हो चुका है। पहले दिन सात घंटे 25 मिनट तक सर्वे चला। एएसआई की टीम सुबह 7:40 बजे ज्ञानवापी पहुंच गई थी, फिर शाम को 5:20 टीम परिसर से बाहर निकली है। इस दौरान मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने दूरी बनाई।  इस बीच जुमे की नमाज की वजह से पौने दो घंटे तक सर्वे का काम बंद रहा था। इससे पहले 24 जुलाई को पहले दिन एएसआई की टीम ने साढ़े पांच घंटे तक सर्वे का काम किया था। अब शनिवार सुबह दोबारा सर्वे शुरू होगा।

सर्वे में शनिवार से अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी सहयोग करेगी। यह जानकारी शाम मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने दी। इससे पहले शुक्रवार और बीते 24 जुलाई को ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मसाजिद कमेटी के प्रतिनिधि नहीं मौजूद थे। मसाजिद कमेटी ने एएसआई के सर्वे से दूरी बना कर उससे विरत रहने का निर्णय लिया था।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान

सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने एएसआई के सर्वे पर स्थगन आदेश देने से इंकार कर दिया है। ऐसे में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए एएसआई के वैज्ञानिक सर्वे में सहयोग करेंगे।

हम आशा करते हैं कि न्यायालय के दिशा-निर्देश का निष्पक्ष तरीके से पालन होगा और हमारी मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। साथ ही, 17 मई 2022 के सुप्रीम कोर्ट के अदालत के आदेश से हमारे धार्मिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे। सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि हम सभी से अपील करते हैं कि अदालत के आदेश का सम्मान करते हुए पूर्ण रूप से शांति व्यवस्था बनाए रखें। अफवाहों पर कतई ध्यान न दें। लोगों की बयानबाजी को नजरअंदाज करते रहें, इसी में सबकी भलाई है। शांति, संयम और सद्भाव के मूल मंत्र को हम मजबूती से पकड़े रहें।

सर्वे रिपोर्ट देने के लिए एएसआई ने कोर्ट से मांगा चार हफ्ते का समय

ज्ञानवापी में सर्वे के बीच जिला जज की कोर्ट में एएसआई की तरफ से भारत सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिए जाने का अनुरोध किया। इस पर अदालत का आदेश आना बाकी है।

अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट की रोक के कारण तीन अगस्त तक सर्वे का काम नहीं हो सका। इस कारण जिला जज की अदालत द्वारा चार अगस्त को मांगी गई सर्वे रिपोर्ट दाखिल नहीं की जा सकी। अब हाईकोर्ट से रोक समाप्त किए जाने के बाद चार अगस्त से सर्वे का काम शुरू हुआ है।

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