सांसदी बहाली के बाद पहली बार वायनाड में राहुल, बोले- मणिपुर में मिट्टी का तेल छिड़कर आग लगा दी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड (केरल) के दौरे पर पहुंचे हैं। वायनाड में शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर में हजारों लोग हैं जिन्होंने हिंसा को झेला है। किसी का घर जला दिया गया है, किसी की बहन के साथ दुष्कर्म किया गया है, और किसी के भाई और माता-पिता की हत्या कर दी गई है। यह ऐसा है जैसे किसी ने पूरे मणिपुर में मिट्टी का तेल फेंककर आग लगा दी।

राहुल गांधी ने कहा कि मैं कुछ समय पहले मणिपुर गया था। मैं 19 साल से राजनीति में हूं और मैंने कभी भी मणिपुर में जो अनुभव किया, ऐसा कभी अनुभव नहीं किया।

पीएम और उनका मंत्रिमंडल हँस रहा था
आगे पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मणिपुर में हर जगह खून है, हर जगह हत्या हो रही है, मणिपुर में यही स्थिति है और प्रधानमंत्री ने संसद में 2 घंटे, 13 मिनट तक बात की लेकिन वह मणिपुर पर दो मिनट तक बोले, वे हंसे उन्होंने मजाक किया। उनका मंत्रिमंडल हँस रहा था, जोक कर रहा था।

आपने हिंसा रोकने की कोशिश क्यों नहीं की
पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आप (पीएम) ‘भारत माता’ ( मणिपुर) की हत्या के बारे में दो मिनट बोलते हैं। आप भारत के विचार का अनादर कैसे कर सकते हैं? आप वहां क्यों नहीं गए? आपने हिंसा रोकने की कोशिश क्यों नहीं की? क्योंकि आप राष्ट्रवादी नहीं हैं। जो कोई भी भारत के विचार की हत्या करता है वह राष्ट्रवादी नहीं हो सकता। 

भाजपा और आरएसएस नहीं समझते कि परिवार क्या होता है
जोरदार हमला करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस नहीं समझते कि परिवार क्या होता है? वे यह नहीं समझते कि जितना वे तुम्हें और मुझे अलग करने की कोशिश करेंगे, हम उतने ही करीब आ जायेंगे। उन्हें लगता है कि अगर हम राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर देंगे तो वायनाड से उनका रिश्ता टूट जाएगा। अगर आप राहुल गांधी को अयोग्य करार देंगे तो वायनाड से उनका रिश्ता और भी मजबूत हो जाएगा। 

राहुल गांधी ने टोडा आदिवासी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की
इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ऊटी के पास मुथुनाडु गांव में टोडा आदिवासी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की। राहुल गांधी से टोडा की महिलाओं ने उनसे कहा कि वह प्रधानमंत्री के रूप में इस स्थान पर लौटें। इसी के साथ उन्होंने सामुदायिक देवता के मंदिर का दौरा किया और वहां की पारंपरिक प्रथाओं को देखा।

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