जी-20: प्रगति मैदान में बनेगा अस्थायी अस्पताल

सितंबर में होने वाल 20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली के प्रगति मैदान में एक अस्थायी अस्पताल बनाया जाएगा। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया इसका निरीक्षण करेंगे। इस अस्थायी अस्पताल में उच्च स्तरीय एंबुलेंस के साथ-साथ वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम तैनात कर आपात चिकित्सा के इंतजाम किए जाएंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि जी-20 को लेकर दिल्ली एम्स, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज सहित केंद्र की कई टीमें तैनात की जाएंगी। इनके अलावा, 50 एंबुलेंस वीवीआईपी काफिले में होंगी, साथ ही प्रगति मैदान के अलावा उन होटलों के बाहर भी तैनात होंगी। जहां मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन दिनों मौसमी बीमारियों को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी दिख रही है। आंखों के संक्रमण से लेकर बुखार और वायरल तक के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में जी-20 को लेकर तैनात डॉक्टरों की टीम के पास इन परेशानियों से निपटने की पर्याप्त व्यवस्था होगी। दवाओं से लेकर चिकित्सा उपकरणों के लिए भी कहा गया है। प्रत्येक एंबुलेंस में तीन से चार स्वास्थ्य कर्मचारियों का स्टाफ होगा।

डीटीसी सुरक्षा बलों को देगी 300 से अधिक बसें

दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बैठक को देखते हुए अपने स्तर पर तैयारी कर रहा है। डीटीसी सुरक्षा बलों को तय स्थानों पर ले जाने के लिए 300 से अधिक बसें सुरक्षा बलों को देगा। सुरक्षा के मद्देनजर बड़े स्तर पर दिल्ली पुलिस के साथ सुरक्षा बलों की तैनाती जगह-जगह की जा रही है। ऐसे में सुरक्षा बलों को आने-जाने में किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए वह बसों को उपलब्ध करा रहा है। इसमें 150 के करीब नॉन एसी और 150 के लगभग एसी बसें शामिल हैं। डीटीसी के बेड़े में मौजूदा समय में 7 हजार के करीब बसें हैं, जिसमें चार सौ के लगभग इलेक्ट्रिक बसें हैं।

डीटीसी विभाग के सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बलों में दिल्ली पुलिस व अर्धसैनिक बल की तरफ से उन्हें बस मुहैया कराने के लिए कहा गया है। जिसकी मंजूरी स्वीकार कर ली गई है। डीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी केवल तीन सौ बस की सूचना मिली है। वह कहते हैं कि इसमें अभी ई-बसें शामिल नहीं है अगर और बसों की जरूरत पड़ती है तो ई-बसों को भी शामिल किया जाएगा। वह कहते हैं कि डीटीसी सम्मेलन को सफल बनाने के लिए हर तरह से तैयार है।

सम्मेलन की सुरक्षा में तैनात बलों के पास वैसे तो अपने वाहन हैं, लेकिन सुरक्षाकर्मियों की तैनाती बड़े स्तर पर की गई है तो उन्हें बसों की जरूरत है। इस वजह से डीटीसी ने बसें देना का फैसला लिया है। डीटीसी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दैनिक यात्रियों को बसों की परेशानी न हो इसका भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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