केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने रविवार को जापान के नागासाकी में हेल्थ इनोवेशन पर जी7 की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित किया। यह बैठक यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (Universal Health Coverage) सुनिश्चित करने की दिशा में डिजिटल स्वास्थ्य जैसे स्वास्थ्य नवाचारों की प्राथमिकताओं, कार्यान्वयन और उपयोग पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी।
बैठक में जी-7 देशों और आमंत्रित चार देशों- भारत, इंडोनेशिया, वियतनाम और थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रियों ने भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए मंडाविया ने कहा कि प्रौद्योगिकी और डिजिटल स्वास्थ्य उपकरणों का उपयोग सक्षम और तुल्यकारक (Equalizer) है, जो मजबूत स्वास्थ्य सेवा वितरण की सुविधा प्रदान कर सकता है और सभी के लिए स्वास्थ्य कवरेज की उपलब्धि में सहायता कर सकता है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने स्वास्थ्य सेवा वितरण में प्रौद्योगिकी (Technology) के उपयोग को उत्प्रेरित किया है। साथ ही उन्होंने विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों के बीच डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए एक सक्षम ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर डाला।
को-विन एप की उपलब्धियां गिनाईं
डिजिटल स्वास्थ्य में भारत की उपलब्धियों के बारे में उल्लेख करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, भारत के कोविड-19 वैक्सीन वितरण प्लेटफॉर्म, को-विन ने देश भर में 2.2 अरब से अधिक वैक्सीन खुराक के प्रबंधन की निगरानी की है। और इसने न केवल कोल्ड चेन प्रबंधन की निगरानी की है बल्कि क्यूआर कोड आधारित डिजिटल वैक्सीन प्रमाणपत्र प्रदान करने के अलावा टीकों के प्रबंधन में नागरिकों और टीका लगाने वालों को सुविधा भी प्रदान की।
उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह, ई-संजीवनी एक राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म है, जिसे कोरोना महामारी के दौरान लॉन्च किया गया था। इसने पहले ही 11.5 करोड़ से अधिक का समन्वय कर चुका है। यह नागरिकों को मुफ्त परामर्श देता है, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म बन गया है।
नए और विकसित उपकरणों द्वारा पेश किए गए लाभों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए डॉ मंडाविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्मार्ट वियरेबल्स और बिग डाटा एनालिटिक्स सटीक दवा, व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा, जीनोमिक्स और क्लीनिकल निर्णय समर्थन प्रणाली सही व्यक्ति को सही समय पर सही उपचार सुनिश्चित करने में सहायता कर सकते हैं।
उन्होंने इन तकनीकी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के महत्व को भी रेखांकित किया और कहा कि भारत ने डिजिटल पब्लिक गुड्स के रूप में दुनिया को ऐसे सभी डिजिटल उपकरण मुफ्त में उपलब्ध कराने का नीतिगत निर्णय पहले ही ले लिया है।
डॉ मंडाविया ने यह भी कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता ने डिजिटल स्वास्थ्य को एक विशिष्ट प्राथमिकता दी है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मुख्यालय में डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल के गठन के माध्यम से दुनिया भर में सभी डिजिटल पहलों के अभिसरण तंत्र (Convergence Mechanisms) का प्रस्ताव दिया है।