नई दिल्ली। पश्चिम एशिया में जारी तनातनी का असर अब वैश्विक बाजारों के साथ-साथ घरेलू बुलियन मार्केट पर भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है। इजराइल की ओर से ईरान पर किए गए सैन्य हमले के बाद सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। शुक्रवार को तीसरे दिन भी यह रुख बरकरार रहा और राष्ट्रीय राजधानी में सोना 2,200 रुपये की छलांग लगाकर 1,01,540 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
MCX पर भी सोने ने बनाया ऐतिहासिक रिकॉर्ड
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भी सोने ने पहली बार 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार किया। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यह हालिया वर्षों की सबसे तेज और बड़ी तेजी है, जिसके पीछे अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक हालात और आर्थिक संकेतकों की प्रमुख भूमिका रही है।
क्यों बढ़ी सोने की मांग?
मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष, विशेषकर ईरान की परमाणु सुविधा पर इजराइली हमले के बाद वैश्विक स्तर पर अस्थिरता बढ़ी है। इस तरह की परिस्थितियों में निवेशक आमतौर पर सुरक्षित विकल्प की तलाश करते हैं, और पारंपरिक रूप से सोना एक भरोसेमंद सुरक्षित निवेश माना गया है। यही कारण है कि मांग में अचानक उछाल आया और कीमतों में तेज़ी देखी गई।
इसके अतिरिक्त, अमेरिका में जारी हालिया महंगाई दर उम्मीद से कम रही, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि फेडरल रिजर्व निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। ब्याज दरों में कटौती से डॉलर कमजोर होता है और निवेशक सोने जैसी गैर-ब्याज देने वाली संपत्तियों की ओर रुख करते हैं, जिससे इसकी कीमतों को बल मिलता है।
क्या 12 महीने में सोना छू सकता है नई ऊंचाई?
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने को लेकर काफी उम्मीदें जताई जा रही हैं। बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि आगामी 12 महीनों में सोने की कीमतें 4,000 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस तक पहुंच सकती हैं। वहीं, गोल्डमैन सैक्स का पूर्वानुमान है कि केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार की जा रही खरीदारी के चलते 2025 के अंत तक सोना 3,700 डॉलर और 2026 के मध्य तक 4,000 डॉलर प्रति औंस के आंकड़े को छू सकता है।
तेल आपूर्ति पर असर नहीं, पर अनिश्चितता बनी रहेगी
गोल्डमैन सैक्स ने यह भी संकेत दिया है कि भले ही इजराइल और ईरान के बीच तनाव बना हुआ है, फिलहाल तेल आपूर्ति में कोई बड़ा व्यवधान देखने को नहीं मिला है। हालांकि भू-राजनीतिक जोखिम और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता को देखते हुए, सोने की कीमतें निकट भविष्य में उच्च स्तर पर बनी रहने की संभावना है।