अमेरिका में H1-B वीजा शुल्क वृद्धि से भारतीय पेशेवरों में चिंता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H1-B वीजा शुल्क में भारी वृद्धि का ऐलान उद्योग जगत में हलचल पैदा कर गया है। इस फैसले के बाद कई अमेरिकी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जल्द से जल्द अमेरिका लौटने की सलाह दी है।

माइक्रोसॉफ्ट ने अपने H1-B और H4 वीजा धारक कर्मचारियों को ईमेल के माध्यम से चेतावनी दी है कि वे समयसीमा से पहले अमेरिका वापस आएं। कंपनी ने अमेरिका से बाहर काम कर रहे कर्मचारियों को भी लौटने का आग्रह किया है। इसी तरह, जेपी मॉर्गन ने भी वीजा धारकों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा से फिलहाल बचने और अमेरिका में बने रहने की सलाह दी है।

ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को H1-B वीजा शुल्क को 100,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा दिया। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि इससे अमेरिका में केवल उच्च-कुशल पेशेवरों को प्रवेश मिलेगा और अमेरिकी कर्मचारियों के रोजगार की सुरक्षा होगी। व्हाइट हाउस के स्टाफ सचिव विल शार्फ के अनुसार, H1-B वीजा प्रणाली का दुरुपयोग हुआ है और यह कदम सुनिश्चित करेगा कि केवल योग्य और असाधारण पेशेवर ही अमेरिका में आएं।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस फैसले का सबसे अधिक असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ेगा, क्योंकि 2020 से 2023 तक स्वीकृत H1-B वीजाओं में 73.7 प्रतिशत भारतीयों के लिए जारी की गई थीं। ट्रंप ने कहा कि इस कदम से अमेरिका में नौकरियों की सुरक्षा बढ़ेगी और उच्च-कुशल पेशेवर अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान करेंगे।

अधिकारियों का कहना है कि नए शुल्क से अमेरिका के खजाने में 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक राशि जुटाने की संभावना है। इस कदम के बाद कंपनियों और कर्मचारियों दोनों के लिए नीतिगत बदलाव और योजना बनाने की चुनौती बढ़ गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here