पत्थर उठाने वाले हाथ समाज का भला नहीं कर सकते: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने श्रीनगर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि “आज कश्मीर के युवाओं से अपील करने आया हूं कि जिन्होंने आपके हाथ में पत्थर पकड़ाए थे, उन्होंने आपका क्या भला किया? जिन्होंने आपके हाथ में हथियार पकड़ाए थे, उन्होंने आपका क्या भला किया?

उन्होंने कहा कि पीओके (POK) आपके नजदीक है, वहां पूछिए कि गांव में बिजली आई, अस्पताल है, मेडिकल कॉलेज बन रहा है क्या? गांव में पीने का पानी आता है क्या? महिलाओं के लिए शौचालय बना है क्या? वहां कुछ नहीं हुआ है और ये लोग पाकिस्तान की बात करते हैं.

अमित शाह ने कहा कि आज 30,000 लोग लोकतांत्रिक तरीके से कश्मीर के लोगों के प्रतिनिधि बन गए हैं. उन्होंने कश्मीर के युवाओं से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में शामिल होने और कई स्तरों पर जनप्रतिनिधि बनने का आह्वान करता किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सूफीवाद मध्य पूर्व और कश्मीर के रास्ते भारत आया था. कश्मीर ने पूरे देश को सूफीवाद का तोहफा दिया है. सूफियों को विकास और विकास की बहुत आशा है. 

20,000 से अधिक लोगों को दी गई सरकारी नौकरी

अमित शाह ने कहा कि यहां 20 हजार से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी दी गई है और 6,000 लोगों को आज नौकरी मिलने वाली है. ये सभी भर्तियां पारदर्शी तरीके से की गई हैं. सही कौशल वाले लोगों को बिना भाई-भतीजावाद के काम पर रखा गया है. 

विपक्ष पर जमकर बोला हमला 

अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “मुझे ताना मारा गया, निंदा की गई … आज मैं आपसे खुलकर बात करना चाहता हूं, इसलिए यहां कोई बुलेट प्रूफ या सुरक्षा नहीं है. फारूक साहब ने मुझे पाकिस्तान से बात करने का सुझाव दिया है लेकिन, मैं युवाओं और लोगों से बात करूंगा”.

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