सितंबर का महीना हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) के निवेशकों के लिए शानदार साबित हो रहा है। सरकारी स्वामित्व वाली यह कंपनी, जो देश में तांबे की संपूर्ण उत्पादन श्रृंखला संचालित करती है, बीते कुछ दिनों से शेयर बाजार में लगातार चमक बिखेर रही है। केवल सितंबर माह में ही इसके शेयरों ने 40% से अधिक रिटर्न दिया है। गुरुवार के कारोबार में भी कंपनी के शेयरों में 7% की तेजी दर्ज हुई और यह 330.40 रुपये के स्तर पर पहुंच गया।
तेजी की वजह
विशेषज्ञों के अनुसार, इस उछाल की सबसे बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में तांबे की कीमतों में हुई बढ़ोतरी है। लंदन मेटल एक्सचेंज (LME) पर तांबा 15 महीनों के उच्चतम स्तर यानी करीब 10,400 डॉलर प्रति मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। इंडोनेशिया की ग्रासबर्ग खदान में हुए बड़े हादसे ने वैश्विक सप्लाई को प्रभावित कर दिया, जिससे तांबे की कमी की आशंका बढ़ी और कीमतों में तेजी आ गई।
तांबा इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कई अहम क्षेत्रों के लिए अनिवार्य धातु है। मांग बनी रहने और सप्लाई प्रभावित होने की वजह से कीमतें ऊपर चढ़ गईं, जिसका सीधा फायदा हिंदुस्तान कॉपर को मिल रहा है।
कंपनी की मजबूती
हिंदुस्तान कॉपर देश की इकलौती कंपनी है जो तांबे के खनन से लेकर रिफाइनिंग तक का पूरा काम खुद करती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तांबा महंगा होने से कंपनी की आय और मुनाफा दोनों बढ़ते हैं। हाल ही में कंपनी ने झारखंड की राखा कॉपर खदान की लीज अगले 20 सालों के लिए नवीनीकृत करवाई है, जिससे उत्पादन क्षमता और राजस्व में और इजाफा होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, हिंदुस्तान कॉपर ने ऑयल इंडिया के साथ एक समझौता भी किया है। इस साझेदारी के तहत दोनों कंपनियां मिलकर तांबे और अन्य अहम खनिजों की खोज व विकास पर काम करेंगी।
निवेशकों के लिए संकेत
सितंबर में अब तक हिंदुस्तान कॉपर के शेयरों में 40% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। अगर यह रफ्तार महीने के अंत तक बनी रहती है, तो यह दिसंबर 2023 के बाद का सबसे बड़ा मासिक उछाल होगा, जब कंपनी के शेयरों में लगभग 58% की छलांग देखी गई थी।