भारतीय शेयर बाजार और सोने के दाम अक्सर विपरीत दिशा में चलते हैं। जब मार्केट में तेजी रहती है तो सोने के भाव स्थिर या कम हो जाते हैं, जबकि बाजार में गिरावट आने पर सोने की कीमतें चढ़ने लगती हैं। अगस्त 2025 में भी यही ट्रेंड देखने को मिला। इस दौरान भारतीय शेयर बाजार करीब 1.50 प्रतिशत टूटा, जबकि सोना रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया।
पिछले महीने सेंसेक्स 1,375.93 अंक लुढ़ककर 79,809.65 पर आ गया और निफ्टी 50 भी 1.38 प्रतिशत गिरकर 24,426.85 पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों ने भी रुख बदलते हुए अगस्त में 34,993 करोड़ रुपये बाजार से निकाल लिए। बाजार में इस दबाव का सीधा असर सोने पर पड़ा। एमसीएक्स पर 3 अक्टूबर 2025 को एक्सपायर होने वाले गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट की कीमत एक महीने में 5,055 रुपये प्रति 10 ग्राम उछल गई।
एक महीने में 5 हजार रुपये से ज्यादा की तेजी
एमसीएक्स पर 31 जुलाई 2025 को 98,769 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया सोना, अगस्त के अंतिम कारोबारी दिन 29 अगस्त तक 1,03,824 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। यानी महज एक महीने में सोने के भाव 5 हजार रुपये से अधिक बढ़े।
सितंबर में भी बढ़ने की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि सितंबर में भी सोने की तेजी जारी रह सकती है। वैश्विक स्तर पर बढ़ते तनाव, ट्रंप की व्यापार नीतियों से बने दबाव और रुपये की कमजोरी जैसे कारक फिलहाल बने हुए हैं। यही कारण है कि आने वाले दिनों में भी सोने को सपोर्ट मिलता रहेगा और कीमतें ऊंचे स्तर छू सकती हैं।