ऑपरेशन सिंदूर को लेकर गठित सर्वदलीय सांसदों की कमेटी में कांग्रेस नेता शशि थरूर को शामिल किए जाने पर सियासी माहौल गरमा गया है। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक बयान में कहा कि सरकार की ओर से उन्हें भी डेलिगेशन में शामिल होने का निमंत्रण मिला था। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि वे अपनी पार्टी के फैसले के साथ खड़े हैं।
शशि थरूर का नाम आने पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
सरकार द्वारा डेलिगेशन के लिए शशि थरूर का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की। पार्टी ने कहा कि सरकार ने चार नाम मांगे थे, लेकिन उनके सुझाए नाम को नजरअंदाज कर दिया गया। हालांकि, कांग्रेस ने सीधे तौर पर शशि थरूर का विरोध नहीं किया।
मनीष तिवारी का समर्थन
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी शशि थरूर के रुख का समर्थन किया। सूत्रों के मुताबिक, तिवारी ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पक्ष रखने के लिए उन्हें आमंत्रित करती है, तो वे जरूर शामिल होंगे।
शशि थरूर के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर कमेटी
सरकार द्वारा गठित सात कमेटियों में से पांचवीं कमेटी की अगुवाई शशि थरूर करेंगे। इस डेलिगेशन में 9 सदस्य शामिल हैं, जो अमेरिका, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया का दौरा करेगी। कमेटी का उद्देश्य इन देशों में जाकर पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करना और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देना है।
टीम के सदस्य
- शशि थरूर (हेड)
- शांभवी चौधरी
- सरफराज अहमद
- तेजस्वी सूर्या
- हरीश बालयोगी
- शशांक मणि त्रिपाठी
- भुवनेश्वर कलिता
- मिलिंद देवरा
- तरनजीत संधू (अमेरिका के पूर्व राजदूत)
थरूर पर राजनीति केंद्रित
पिछले कुछ समय से शशि थरूर केंद्र सरकार की कई नीतियों की सराहना कर चुके हैं, जिससे पार्टी में मतभेद की अटकलें लगाई जा रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर के मामले में भी थरूर के रुख को लेकर चर्चा बनी हुई है। कांग्रेस ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि थरूर अपने बयानों में निजी विचार प्रस्तुत कर रहे हैं।