नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर लोकसभा में हुई चर्चा के दौरान एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सेना ने पहलगाम हमले के जवाब में साहस और पराक्रम का परिचय दिया है, लेकिन सरकार की नीति में दोहरापन साफ नज़र आता है। ओवैसी ने सवाल उठाया कि जब प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो फिर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने की मंज़ूरी क्यों दी जा रही है?
उन्होंने कहा, “जब आप व्यापार रोक सकते हैं, पानी पर रोक लगा सकते हैं, तो फिर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना कैसे उचित है? मेरी अंतरात्मा मुझे यह मैच देखने की अनुमति नहीं देती। क्या पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिजन इस फैसले से संतुष्ट होंगे?”
ओवैसी ने आगे कहा कि पाकिस्तान अपने पुराने रवैये से बाज नहीं आ रहा है और भारत को उसकी हरकतों के लिए सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाले जाने के लिए वैश्विक मंचों पर दबाव बनाया जाए।
सांसद ने कहा, “जब हमारे देश की सीमाओं पर लाखों की संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं, तो फिर कुछ आतंकवादी पहलगाम तक कैसे पहुंच गए? चार लोग आए और हमारे नागरिकों को मार डाला, ये सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। जवाबदेही आखिर तय किसकी होगी?”