नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जब तक पाकिस्तान के साथ हमारे बेहतर संबंध नहीं होंगे तब तक हम भारत में कभी भी शांति नहीं देख पाएंगे। हम मुसलमानों को आगे बढ़ते हुए नहीं देख पाएंगे क्योंकि मुसलमानों को देशद्रोही माना जाता है। हम देशद्रोही नहीं हैं, हम भारतीय हैं बाकियों की ही तरह।
इससे एक दिन पहले अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के सर्वांगीण विकास का विचार तब तक सार्थक नहीं हो सकेगा, जब तक उनके बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ने के लिए जम्मू-कश्मीर का इस्तेमाल कर रहा है, जो जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि युवाओं को नौकरी देना तो दूर की बात है, जम्मू-कश्मीर से जुड़े मामलों पर नियंत्रण रखने वाली केंद्र सरकार ने सैकड़ों नौकरीपेशा युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।