चीन-अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच 14 नवंबर को अहम मीटिंग

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले हफ्ते अहम मुलाकात करेंगे। दोनों के बीच 14 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में मुलाकात होगी। इस दौरान अमेरिका और चीन के बीच बातचीत जारी रखने और आपसी संबंधों को और गहरा करने के प्रयासों पर चर्चा होगी। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में दोनों देश एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करने और प्रतिस्पर्धा का प्रबंधन करने पर भी बात करेंगे। व्हाइट हाउस के मुताबिक, दोनों देशों के विकास और भलाई के लिए जहां जरूरी होगा, मिलकर काम करने जैसे मुद्दों पर भी बात होगी।

यह मुलाकात दोनों देशों के बीच खटास भरे रिश्तों के बीच हो रही है। प्रेस सचिव कारीन जीन-पियरे ने कहा कि दोनों नेता कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। जनवरी 2021 में बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी पहली व्यक्तिगत मुलाकात होगी। दोनों नेताओं ने फोन पर पांच बार बात की है। 

एक अमेरिकी नेता के साथ शी की आखिरी आमने-सामने मुलाकात जून 2019 में हुई, जब वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिया था। इसे मुलाकात के छह महीने बाद व्यापार समझौता हुआ था। दुनिया भर में फैले कोविड -19 के रूप में द्विपक्षीय संबंध खराब होते गए। 

जुलाई के अंत में दो घंटे की कॉल के दौरान बाइडन और शी ने चर्चा की। इसके बाद हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। चीन ने पेलोसी के खिलाफ प्रतिबंध लगाए और द्वीप के चारों ओर लाइव-फायर सैन्य अभ्यास शुरू किया। बीजिंग ने हस्तक्षेप न करने के लिए भी बाइडन को जिम्मेदार ठहराया। 

शी ने नशीले पदार्थों और जलवायु सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अमेरिका के साथ बातचीत बंद कर दी। अमेरिका की ओर से ने बार-बार यह सुझाव दिया गया कि चीन द्वारा हमला किए जाने पर अमेरिका ताइवान की रक्षा करेगा। इससे चीन और नाराज हो गया। ऐसे में यह मुलाकात दोनों देशों के लिए काफी अहम है। इससे दोनों देश अपने बीच के मुद्दों को सुलझा सकते हैं।

पुतिन जी-20 शिखर सम्मेलन में नहीं लेंगे हिस्सा
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इंडोनेशिया में अगले सप्ताह होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। जी-20 सम्मेलनों के ‘चीफ ऑफ सपोर्ट’ प्रमुख लुहुत बिनसर पंडजैतन ने कहा कि पुतिन का सम्मेलन में शामिल नहीं होने का निर्णय हम सभी के लिए सबसे अच्छा है। माना जा रहा है कि ऐसा यूक्रेन में युद्ध पर अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ संभावित टकराव से बचने के लिए किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here