जेन स्ट्रीट और ब्रोकिंग फर्मों पर आयकर विभाग का सर्वे, टैक्स चोरी की जांच में जुटी एजेंसियां

आयकर विभाग ने गुरुवार को अमेरिका की ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट और उससे जुड़ी कुछ ब्रोकिंग कंपनियों के कई ठिकानों पर सर्वे अभियान चलाया। यह कार्रवाई संभावित टैक्स चोरी की जांच के तहत की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह सर्वे 31 जुलाई को शुरू हुआ और इसमें जेन स्ट्रीट द्वारा जांच में अपेक्षित सहयोग न मिलने की बात भी सामने आई है।

सूत्रों का कहना है कि जेन स्ट्रीट के खिलाफ पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा हाल ही में की गई कार्रवाई के मद्देनज़र यह “तथ्य जांच” की प्रक्रिया चलाई जा रही है। इसी क्रम में ब्रोकिंग कंपनी नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट के परिसरों पर भी आयकर विभाग की टीम ने दस्तावेज़ और डिजिटल रिकॉर्ड की पड़ताल की।

इस संबंध में जब सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे से पूछा गया कि क्या एजेंसी आयकर विभाग के साथ जानकारी साझा कर रही है और क्या जेन स्ट्रीट के साथ काम कर रही ब्रोकिंग कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी, तो उन्होंने कहा, “हर एजेंसी का दायरा तय होता है और सूचनाएं परस्पर साझा की जाती हैं। जो जानकारी सार्वजनिक है, उसके आधार पर एजेंसियां अपने अधिकार क्षेत्र में काम करती हैं।”

नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड ने बीएसई को दी गई सूचना में इस कार्रवाई की पुष्टि की है। कंपनी के अनुसार, आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम की धारा 133ए के तहत सर्वे किया है और कंपनी जांच में पूरा सहयोग कर रही है। कंपनी ने यह भी कहा कि उसका सामान्य कारोबार जारी है।

इस बीच, पीटीआई द्वारा जेन स्ट्रीट को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला है।

उल्लेखनीय है कि सेबी ने 3 जुलाई को जारी अपने अंतरिम आदेश में जेन स्ट्रीट पर इंडेक्स में हेरफेर कर वायदा-नकदी दोनों बाजारों में अनुचित लाभ कमाने का आरोप लगाया था। जांच में सामने आया कि जनवरी 2023 से मई 2025 तक की अवधि में कंपनी ने लगभग 36,671 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया। सेबी ने कंपनी को बाजार से प्रतिबंधित कर दिया और करीब 4,843 करोड़ रुपये का लाभ जब्त कर लिया था।

हालांकि, 21 जुलाई को जेन स्ट्रीट को व्यापार दोबारा शुरू करने की अनुमति मिल गई, जब उसने सेबी द्वारा तय की गई राशि एस्क्रो खाते में जमा कर दी।

जेन स्ट्रीट ग्रुप एलएलसी की स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी। यह एक वैश्विक ट्रेडिंग फर्म है जो अमेरिका, यूरोप और एशिया में फैले पांच कार्यालयों में 2,600 से अधिक लोगों को रोजगार देती है और 45 देशों में व्यापारिक गतिविधियों का संचालन करती है।

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