चिली के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक फॉन्ट इस समय भारत के दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और चिली के रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते के लिए चर्चा चल रही है, और इस दिशा में मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर सहमति बन रही है।
विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव पेरियासामी कुमारन ने बताया कि फिलहाल दोनों देशों के बीच आंशिक व्यापार समझौता है, और इसे एफटीए में बदलने के लिए बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि हम व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) पर भी चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं, जिसके बाद भविष्य की नीति पर काम किया जाएगा। भारत कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति सुरक्षित करने के लिए चिली से सहयोग चाहता है।
कुमारन ने यह भी बताया कि चिली कुछ कृषि उत्पादों के निर्यात में रुचि रखता है, जो भारत में सामान्य रूप से उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा, चिली की एक व्यापारिक कंपनी व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर काम करने में रुचि दिखा रही है। चिली खनन क्षेत्र में अधिक निवेश चाहता है, और भारत इस क्षेत्र में कई उद्योगों में निवेश की संभावना देखता है, ताकि औद्योगिक क्षमताओं को और बेहतर किया जा सके।
चिली के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक फॉन्ट की यह भारत की पहली राजकीय यात्रा है, जो प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर हो रही है। इससे पहले, राष्ट्रपति ने रियो में जी-20 समिट में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। चिली ने हमेशा यूएनएससी में भारत की स्थायी सीट के लिए समर्थन किया है। चिली में अपना राष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाता है, जो चार नवंबर को होता है, और आयुर्वेद का भी वहां काफी प्रचार हो रहा है, जहां कुछ आयुर्वेद संस्थान भारतीय संस्थानों से जुड़कर काम कर रहे हैं।
पेरियासामी कुमारन ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति बोरिक फॉन्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, कर्नाटका के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। चिली भारतीय निवेश को आकर्षित करने के लिए उत्सुक है और यहां के व्यवसायों के लिए कई अवसर उपलब्ध हैं, जैसे बंदरगाह, हवाई अड्डे, खनन, रेलवे, बुनियादी ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा आदि। प्रौद्योगिकी सहयोग भी इस दौरे का एक अहम हिस्सा है।
कुमारन ने यह भी बताया कि चिली भारत के लिए लैटिन अमेरिका में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। दोनों देशों के व्यापारिक और आर्थिक संबंध एक-दूसरे के पूरक हैं। भारत चिली से खनिज संसाधनों का आयात करता है, जो औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक हैं, और चिली दुनिया में तांबे का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अलावा, चिली के पास लीथियम और अन्य खनिजों का भी भरपूर भंडार है, जिससे दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।