भारत को 40 साल बाद अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी सत्र की मेजबानी का मौका

अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (Indian Olympic Comittee) ने शनिवार को अगले साल मुंबई में आईओसी सत्र (IOC Session) की मेजबानी का अधिकार भारत को सौंपा है. 40 साल बाद यह मौका आया है जब भारत को इसकी मेजबानी हासिल हुई है. समिति में भारत की प्रतिनिधि नीता अंबानी (Nita Ambani) ने इसे देश की ओलिंपिक  महत्वाकांक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम करार दिया. भारत 1983 के बाद पहली बार सत्र की मेजबानी करेगा. सत्र का आयोजन नए और आधुनिक जियो विश्व कन्वेंशन सेंटर में होगा.

भारत को इस प्रक्रिया के दौरान वोटिंग में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों से अपनी बोली के पक्ष में एतिहासिक 99 प्रतिशत वोट मिले. बीजिंग में हुए सत्र के दौरान 75 सदस्यों ने भारत की दावेदारी का समर्थन किया. आईओसी सत्र आईओसी के सदस्यों की वार्षिक बैठक होती है जिसमें 101 वोटिंग सदस्य और 45 मानद सदस्य शामिल हैं.

खत्म हुआ 40 साल का इंतजार

सत्र के दौरान वैश्विक ओलिंपिक अभियान की अहम गतिविधियों पर चर्चा और फैसला किया जाता है जिसमें ओलिंपिक चार्टर में संशोधन या इसे अपनाना, आईओसी सदस्यों तथा पदाधिकारियों का चुनाव और ओलिंपिक के मेजबान शहर का चुनाव भी शामिल है. भारत से आईओसी सदस्य के रूप में चुनी गई पहली महिला नीता ने कहा, ‘ओलिंपिक अभियन 40 साल के इंतजार के बाद भारत वापस आ गया है. मैं 2023 में मुंबई में आईओसी सत्र की मेजबानी करने का सम्मान भारत को सौंपने के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति की वास्तव में आभारी हूं.’

उन्होंने कहा, ‘यह भारत की ओलिंपिक महत्वाकांक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा और भारतीय खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा.’ नीता के अलावा भारतीय प्रतिनिधिमंडल में भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा शामिल थे.

नरिंदर बत्रा ने नीता अंबानी को कहा धन्यवाद

भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ नरिंदर बत्रा ने एक बयान में कहा ‘मैं श्रीमती नीता अंबानी को उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए और अपने सभी आईओसी सहयोगियों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं. अगले साल मुंबई में आपका इंतजार रहेगा. यह भारत के खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत है. हम चाहते हैं कि ओलंपिक मूवमेंट हमारी अगली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाए. 2023 में मुंबई को यादगार आईओसी सत्र की मेजबानी देना, भारत की नई खेल क्षमता को प्रदर्शित करने की दिशा में पहला कदम होगा.’

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