वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लंदन में आयोजित भारत-ब्रिटेन निवेशक सम्मेलन की अध्यक्षता की, जिसमें 60 से अधिक ब्रिटिश निवेशकों ने भाग लिया। उन्होंने भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था, निवेश के अवसरों और सरकार की नीतियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि भारत विदेशी बैंकों के लिए बेहतर संभावनाएं रखता है और बीमा क्षेत्र में 2032 तक वैश्विक छठा सबसे बड़ा बाजार बन सकता है।
सीतारमण ने बताया कि भारत का बाजार पूंजीकरण 4,600 अरब डॉलर को पार कर चुका है और यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार है। उन्होंने डिजिटल अर्थव्यवस्था की तेजी से बढ़ती भूमिका और भारत में यूनिकॉर्न कंपनियों की बढ़ती संख्या को भी रेखांकित किया।
इसके अलावा, उन्होंने गिफ्ट सिटी के महत्व को भी बताया, जहां अब तक 800 से अधिक वित्तीय संस्थाएं पंजीकृत हो चुकी हैं। वित्त मंत्री की यात्रा के दौरान यूके की चांसलर रेचल रीव्स और व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स से द्विपक्षीय वार्ताएं भी होंगी।
भारत-यूके आर्थिक और वित्तीय संवाद (13वीं ईएफडी) के अंतर्गत निवेश, बीमा, पेंशन, फिनटेक, डिजिटल इकोनॉमी और जलवायु वित्त पर सहयोग की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
सीतारमण ऑस्ट्रिया के वित्त मंत्री और चांसलर से भी मिलेंगी और भारत में निवेश के नए अवसरों को लेकर चर्चा करेंगी।