“भारत अब समय नहीं खोएगा”, बर्लिन में भारतीय समुदाय के बीच बोले पीएम मोदी

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सोमवार को बर्लिन में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे मां भारती की संतानों से आज जर्मनी में आकर मिलने का अवसर मिला है। आप सभी से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है। मैं आज सुबह बहुत हैरान था कि यहां इतनी ठंड है लेकिन कई छोटे छोटे बच्चे भी सुबह 4.30 बजे यहां आ गए थे। आपका यह प्यार और आपका आशीर्वाद मेरी बहुत बड़ी ताकत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मैं आपसे मोदी सरकार के बारे में बात नहीं करने आया हूं। आज मन करता है कि जी भरकर आप लोगों से भारत के लोगों की शक्ति और उनके सामर्थ्य की बात करूं और उनका गौरव गान करूं। आज सरकार निवेशकों के पांव में जंजीरें डालकर नहीं उनके मनोबल को बढ़ाकर आगे बढ़ रही है। आज कारोबार का सबसे उन्‍नत माहौल भारत में मौजूद है।

पीएम आज नया भारत केवल सिक्‍योर फ्यूचर की नहीं सोचता वरन रिस्क लेता है… इनोवेट और इन्क्युबेट करता है। मुझे याद है 2014 के आसपास हमारे देश में 200 से 400 ही स्टार्ट अप्स हुआ करते थे। आज 68 हजार से भी ज्यादा स्टार्ट अप्स हैं। यही नहीं दर्जनों यूनिकार्न हैं। पहले देश एक लेकिन संविधान दो थे। आज दशक हो गए, एक देश एक संविधान लागू करते करते लेकिन वो अब हमनें लागू किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस साल आजादी का 75 वर्ष मना रहे हैं। मैं देश का पहला प्रधानमंत्री ऐसा हूं जो आजाद हिंदुस्तान में पैदा हुआ हूं। भारत जब अपनी आजादी का 100 वर्ष मनाएगा उस समय देश जिस ऊंचाई पर होगा। उस लक्ष्य को लेकर आज हिंदुस्तान मजबूती के साथ एक के बाद एक कदम तेजी से आगे बढ़ रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत गवर्नेंस में तकनीक को जिस तरह शामिल कर रहा है वह नए भारत की नई राजनीतिक इच्‍छाशक्ति को भी दिखाता है। यह डिमोक्रेसी और डिलिवरी की क्षमता का भी प्रमाण है। बीते सात से आठ वर्षों के दौरान भारत सरकार ने डाइरेक्‍ट बेनिफ‍िट ट्रांसफर के जरिए 22 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि लाभार्थियों के खातों में भेजे हैं। कहीं कोई बिचौलिया, कोई कट कम्पनी, कोई कटमनी नहीं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। आप भी जानते हैं कि जब कोई देश संकल्‍प ले लेता है तो वह नए रास्तों पर भी चलता है और मनचाही मंजिलों को हासिल करके दिखाता है। आज का आकांक्षी भारत, आज का युवा भारत, देश का तेज विकास चाहता है। आज का भारत जानता है कि इसके लिए राजनीतिक स्थिरता और प्रबल इच्छाशक्ति कितनी जरूरी है। यही कारण है कि भारत के लोगों ने तीन दशकों से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता के वातावरण को एक बटन दबाकर खत्म कर दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत की महान जनता की दूरदृष्टि है कि साल 2019 में उसने देश की सरकार को पहले से भी ज्यादा मजबूत बना दिया। देश आगे तब बढ़ता है जब देशवासी उसके विकास का नेतृत्व करें… देश आगे बढ़ता है जब देशवासी उसकी दिशा तय करें। आज के भारत में जनता ही ड्राइविंग फोर्स है।

इससे पहले जर्मन चांसलर के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा लोकतांत्रिक देशों के तौर पर भारत और जर्मनी कई कामन मूल्यों को साझा करते हैं। इन साझा मूल्यों और साझा हितों के आधार पर पिछले कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मैं चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ का धन्यवाद करता हूं। मुझे खुशी है कि इस वर्ष मेरी पहली विदेश यात्रा जर्मनी से शुरू हो रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी पिछली बैठक 2019 में हुई थी तब से दुनिया में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। कोरोना महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डाला है। हाल की भू-राजनीतिक घटनाओं ने भी दिखाया कि दुनिया की शांति और स्थिरता कितनी नाजुक स्थिति में है और सभी देश एक-दूसरे से कितना जुड़े हुए हैं। यूक्रेन संकट का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी पिछली बैठक 2019 में हुई थी तब से दुनिया में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। कोरोना महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डाला है। हाल की भू-राजनीतिक घटनाओं ने भी दिखाया कि दुनिया की शांति और स्थिरता कितनी नाजुक स्थिति में है और सभी देश एक-दूसरे से कितना जुड़े हुए हैं। यूक्रेन संकट का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन के संकट की शुरुआत में हमने तुरंत युद्धविराम का आह्वान किया था। हमने इस बात पर जोर दिया था कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एक मात्र उपाय है। हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी पार्टी नहीं होगी सभी को नुकसान होगा इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं। आज हम हरित और सतत विकास पर इंडो-जर्मनी साझेदारी की शुरुआत कर रहे हैं। जर्मनी ने 2030 तक 10 बिलियन यूरो की अतिरिक्त विकास सहायता से भारत की हरित विकास योजना का समर्थन करने का निर्णय लिया है। 

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