जयशंकर बोले- फलस्तीन के मुद्दे का समाधान आवश्यक लेकिन आतंकवाद अस्वीकार्य है

इस्राइल-हमास युद्ध के बीच विदेश मंत्री एस जयंशकर ने कहा कि आतंकवाद अस्वीकार्य है लेकिन इसी के साथ फलस्तीन के मुद्दे का समाधान भी आवश्यक है। विदेश मंत्री ने रोम के संयुक्त सत्र में यह टिप्पणी की है। बता दें, पिछले कई सप्ताह से हमास और इस्राइल के बीच युद्ध जारी है, जिसमें अब तक 10 हजार लोगों की मौत हुई है। 

संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि 7 अक्टूबर को जो हुआ, वह आतंकवाद का बड़ा कृत्य था। पूरे क्षेत्र में तनाव है। मध्यपूर्व के साथ-साथ पूरा विश्व युद्ध के कारण चिंतित है। संघर्ष सामान्य नहीं होते। विभिन्न मुद्दों पर संतुलन बनाने की जरूरत है। नई दिल्ली दो राज्य समाधान को दोहराता है। हमें इस मामले में संतुलन बनाने की आवश्यकता है। आतकंवाद सभी को अस्वीकार्य है, यह कोई सवाल नहीं है। फलस्तीनी समस्याओं का समाधान होना चाहिए।

बातचीत का समर्थन करता है भारत
जयशंकर ने आगे कहा कि हमें बातचीत के माध्यम से समाधान ढूंढना होगा। आतंकवाद से सामाधान नहीं ढूंढा जा सकता। हम बातचीत का समर्थन करेंगे। मानवीय कानून का सम्मान किया जाना चाहिए। भारत हमेशा फलस्तीन के साथ है, हमने हमेशा उसके संप्रभु और स्वतंत्र होने की वकालत की है, जो इस्राइल के साथ शांति से रहे।

हमले के यह तीन कारण
हमास ने कहा कि ये यरूशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इस्राइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। हमास ने कहा कि इस्राइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंक इसे अपवित्र किया था। इस्राइली सेना लगातार हमास के ठिकानों पर हमले कर रही है और अतिक्रमण कर रही है। इस्राइली सेना हमारी महिलाओं पर हमले कर रही है। हमास के प्रवक्ता गाजी हमाद ने अरब देशों से अपील है कि इस्राइल के साथ अपने सभी रिश्तों को तोड़ दें। हमाद ने कहा कि इस्राइल एक अच्छा पड़ोसी और शांत देश कभी नहीं हो सकता है।

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