विदेश मंत्री एस जयशंकर विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए रविवार से वियतनाम और सिंगापुर की छह दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि जयशंकर 15 से 18 अक्टूबर तक वियतनाम का दौरा करेंगे। यात्रा के पहले चरण में वियतनाम के साथ कई क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा और सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा होगी।
जयशंकर दक्षिण पूर्व एशियाई देश वियतनाम की यह यात्रा ऐसे समय पर कर रहे हैं जब दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को दर्शाने के लिए भारत ने तीन महीने पहले ही वियतनामी सशस्त्र बलों को आईएनएस कृपाण उपहार में दिया है।
वियतनाम हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक प्रमुख सदस्य है
यह पहला मौका था कि भारत ने किसी मित्र देश को युद्धपोत सौंपा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और वियतनाम एक मजबूत व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। वियतनाम हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक प्रमुख सदस्य है। विदेश मंत्री की यात्रा कई क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा करने और द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी।
इस यात्रा के दौरान जयशंकर अपने वियतनामी समकक्ष बुई थान सोन के साथ आर्थिक, व्यापार और वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर भारत-वियतनाम संयुक्त आयोग की 18वीं बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर हनोई और हो ची मिन्ह सिटी का दौरा करेंगे और वियतनामी शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करने की उम्मीद है। वह भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे और हो ची मिन्ह शहर में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
19 से 20 अक्तूबर तक सिंगापुर की यात्रा पर जाएंगे
वियतनाम की यात्रा पूरी करने के बाद, जयशंकर 19 से 20 अक्तूबर तक सिंगापुर की यात्रा पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री अपने सिंगापुर के समकक्ष और देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। वह भारतीय मिशन प्रमुखों के क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे।
भारत-सिंगापुर संबंध को 2015 में रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था और तब से, द्विपक्षीय सहयोग की तीव्रता में काफी वृद्धि हुई है। 2023 में, भारत की अध्यक्षता में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर दोनों पक्षों ने कई मंत्रिस्तरीय बातचीत की।
सिंगापुर को G20 शिखर सम्मेलन में अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया था। प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने सितंबर में शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली का दौरा किया।