कर्नाटक सीएम बोले- अमित शाह के सामने उठाऊंगा चावल आपूर्ति का मुद्दा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि वह ‘अन्न भाग्य’ योजना के लिए राज्य को चावल की आपूर्ति के मुद्दे को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के  उठाएंगे। यह योजना गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले परिवारों को पांच किलो अतिरिक्त चावल प्रदान करती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने संकेत दिया कि योजना को लागू करने में थोड़ी देरी हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्य को चावल की आपूर्ति में ‘गंदी राजनीति’ की है।

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री बनने के बाद मैं राष्ट्रपति से नहीं मिला था, मैं अब उनसे मिला हूं, यह केवल शिष्टाचार भेंट थी। मैं केंद्रीय गृहमंत्री से भी मिल रहा हूं। उन्होंने मुझे रात नौ बजे का समय दिया है, यह शिष्टाचार भेंट भी है, कोई बड़ी चर्चा नहीं होगी, स्थिति के आधार पर कुछ मुद्दे उठा सकता हूं।’  

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह चावल आपूर्ति का मुद्दा अमित शाह के सामने उठाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने शुरू में सहमत होने के बाद केंद्र सरकार के इशारे पर कथित तौर पर कर्नाटक को चावल की आपूर्ति करने में असमर्थता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, केंद्र सरकार ने ‘गंदी राजनीति’, ‘नफरत की राजनीति’ खेली।सिद्धारमैया ने पत्रकारों को बताया कि राज्य सरकार चावल खरीदने की कोशिश कर रही है और उसने तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, पंजाब, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश जैसे विभिन्न राज्यों से संपर्क किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे राज्य की 2,28,000 मीट्रिक टन की आवश्यकता की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं होंगे, परिवहन लागत भी अधिक होगी।
 

उन्होंने कहा, ‘आंध्र प्रदेश से 42 रुपये प्रति किलो चावल की कीमत होगी, तेलंगाना ने कहा है कि केवल धान उपलब्ध है..चावल नहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने मुझे बताया कि वे केवल एक महीने के लिए एक लाख मीट्रिक टन चावल की आपूर्ति करने की स्थिति में हैं, पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे और फिर बताएंगे।’
 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘कर्नाटक में इतनी बड़ी मात्रा में चावल उपलब्ध नहीं है। हमें खुले बाजार में निविदा के लिए जाना होगा, इसमें कम से कम दो महीने लगेंगे। इसलिए हमने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड), केंद्रीय भंडार जैसी केंद्र सरकार की एजेंसियों से कोटेशन मंगाया है, हमें कल पता चल जाएगा, एक बार जब हमें पता चल जाएगा तो हम फैसला करेंगे। योजना को लागू करने में थोड़ी देरी हो सकती है क्योंकि केंद्र सरकार ने राजनीति की है।’

सिद्धरमैया और उनके मंत्री केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह कांग्रेस शासन की चुनाव गारंटी को विफल करने की साजिश रच रही है। राज्य को एक जुलाई से ‘अन्न भाग्य’ योजना शुरू करने के लिए जरूरी चावल नहीं मिले, जैसा कि वादा किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र ने राज्य सरकारों के लिए मुक्त बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी।

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