कर्नाटक सरकार ने बढ़ाया सेल्स टैक्स, 2 रुपये लीटर महंगा हुआ डीजल

कर्नाटक सरकार ने 1 अप्रैल से डीजल पर बिक्री कर (KST) को 18.4% से बढ़ाकर 21.17% कर दिया है. इस बढ़ोतरी के कारण डीजल की कीमत में 2 से 2.75 रुपये प्रति लीटर तक का इजाफा हुआ है. इस वृद्धि के बावजूद, राज्य सरकार का दावा है कि दक्षिण भारत में डीजल की कीमतें अभी भी कर्नाटक में सबसे कम बनी हुई हैं. वर्तमान में कर्नाटक में डीजल की कीमत 88.99 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल की कीमत 102.92 रुपये प्रति लीटर है.

महंगाई पर असर

डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर परिवहन लागत पर पड़ेगा. ट्रकों, बसों, टैक्सियों और अन्य सार्वजनिक वाहनों की लागत बढ़ेगी, जिससे आवश्यक वस्तुओं और खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है. इससे आम लोगों को महंगाई की दोहरी मार झेलनी पड़ेगी.

अन्य खर्चों में भी बढ़ोतरी

हाल ही में, बेंगलुरु नगर निगम (BBMP) ने घरों पर हाउस टैक्स के साथ कचरा प्रबंधन टैक्स भी लगाना शुरू कर दिया है. इसके अलावा, बस किराया 15% और मेट्रो किराया 71% तक बढ़ा दिया गया है. दूध की कीमत में 4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है, और बिजली के बिल भी बढ़े हैं. आगामी वर्षों में बिजली के फिक्स्ड शुल्क में भी क्रमिक वृद्धि होगी 2025-26 में 25 रुपये, 2026-27 में 30 रुपये और 2027-28 में 40 रुपये की बढ़ोतरी होगी.

सरकार पर बढ़ता दबाव

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष और आम जनता की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार आम जनता पर अतिरिक्त करों का बोझ डाल रही है, जिससे जीवनयापन कठिन हो रहा है.

डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का व्यापक प्रभाव पड़ेगा, खासकर परिवहन और दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर. पहले से ही महंगाई से जूझ रही जनता के लिए यह एक और झटका है. सरकार को चाहिए कि वह वैकल्पिक उपायों पर विचार करे ताकि आम लोगों को राहत मिल सके.

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