वाराणसी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली का आज जो कोई भी साक्षी बना वह मंत्रमुग्ध हो गया। देव दीपावली पर घाटों पर दीये अलौकिक छटा बिखेर रहे हैं। प्राचीन शिव धाम मंदिर दरेखू बाणासुर मंदिर नरउर, मोहनसराय तालाब, भगवती माता मंदिर अखरी पर लोगों ने दीपदान किया। वहीं देव दीपावली पर लोगों ने अपने घरों व मंदिरों को दीयों से आकर्षक ढंग से सजाया। मानो धरती पर तारे जगमगा रहे हों।
पांच लाख से ज्यादा उमड़े सैलानी-श्रद्धालु
काशी के अर्धचंद्राकार गंगा घाटों पर करीब पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं और सैलानियों का हुजूम उमड़ा है। गंगा द्वार के सामने रेत पर आतिशबाजी हुई, जिसे देख वहां मौजूद लोग रोमांचित हो उठे।23 फीट लंबे इलेक्ट्रिक ट्रैक पर करीब 15 मिनट आतिशबाजी। रंग-बिरंगी आतिशबाजी से आसमान की आभा देखती ही बनी। शिव तांडव स्त्रोत के तबले की धुन पर इलेक्ट्रिक ट्रैक से पटाखे आसमान में तरह-तरह के आकार के चित्र उकेरे।
15 से 20 मिनट का लाइट शो
चेत सिंह किला व गंगा द्वार की दीवारों पर साउंड एंड लाइट शो और प्रोजेक्शन होलोग्राफिक शो हुआ। इसमें पौराणिक नगरी काशी को शिव से जोड़ने वाली कथा भी सुनाई गई। लगभग 15 से 20 मिनट का यह शो चेत सिंह घाट पर कई बार दिखाया गया। ताकि घाट पर आने वाले सभी श्रद्धालु शो देख सकें।
सुरक्षा और सहायता के ये बंदोबस्त
देव दीपावली के मद्देनजर काशी के 84 गंगा घाटों को नौ जोन, 11 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींचा गया है। अत्यधिक भीड़ वाले घाटों पर क्यूआरटी की 20 टीम तैनात हैं। 11 विशेष टीमें लाउडहेलर के साथ घाटों पर पेट्रोलिंग कर रही हैं। 17 प्रमुख घाटों पर एंटी रोमियो स्क्वॉड की टीमें हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए 11 पिंक बूथ बनाए गए हैं।
राजघाट, नमोघाट, रामनगर के हनुमान मंदिर, बंगाली टोला इंटर कॉलेज, डुमराव बाग, गोदौलिया चौराहा और रामापुरा चौराहा पर इंटीग्रेटेड इमरजेंसी हेल्पडेस्क बनाए गई है। इसके अलावा एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड के कमांडो भी तैनात किए गए हैं। गंगा में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर 16 गोताखोरों के दस्ते के अलावा 11 एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीम वाटर एंबुलेंस के साथ तैनात है।