सुनिश्चित करें न हो भड़काऊ बयानबाजी, मेवात हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट नूंह हिंसा पर दिल्ली-एनसीआर में वीएचपी के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए नफरत फैलाने वाले भाषणों के मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार ये सुनिश्चित करे की हेट स्पीच न हो। इसके साथ ही कोर्ट ने किसी भी तरह के प्रदर्शन और रैली पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। नूंह जिले में हिंसा भड़काने वाले नफरत भरे भाषणों से संबंधित एक याचिका पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने यूपी, दिल्ली और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले पर शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी।

SC ने पुलिस को पर्याप्त बल तैनात करने का निर्देश दिया

शुक्रवार को मामले को सूचीबद्ध करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त बल तैनात करने, घटना की वीडियोग्राफी करने और घटना के सीसीटीवी फुटेज के अलावा इसे संरक्षित करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और हरियाणा, यूपी और दिल्ली राज्यों सहित पुलिस मशीनरी को निर्देश दिया कि वे नूंह हिंसा के जवाब में राजधानी में विरोध रैलियों के दौरान कोई नफरत फैलाने वाला भाषण या हिंसा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए निवारक कदम उठाएं।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किए जाने के बाद वीएचपी के जुलूस पर हमला होने के बाद नूंह जिले में सोमवार शाम सांप्रदायिक झड़प हो गई। अफवाह फैल गई कि गोरक्षक मोनू मानेसर मार्च में हिस्सा लेगा। इस हिंसा में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। नूंह में दो होम गार्ड सहित चार लोगों की मौत हो गई, जहां भीड़ ने विहिप के नेतृत्व वाले हिंदू जुलूस पर हमला किया। गुरुग्राम की एक मस्जिद में नायब इमाम की हत्या कर दी गई।

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