लखनऊ/ नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के भारत में सभी धर्मों के लोगों का डीएनए एक होने के बयान पर सियासत जारी है. इस बीच बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और यूपी की पूर्व सीएम मायावती (Mayawati) ने आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कल एक कार्यक्रम में भारत में सभी धर्मों के लोगों का डीएनए एक होने की बात किसी के भी गले के नीचे आसानी से नहीं उतरने वाली है. आरएसएस और बीजेपी एंड कंपनी के लोगों तथा इनकी सरकारों की कथनी व करनी में अंतर सभी देख रहे हैं.
इसके अलावा बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि आरएसएस के सहयोग और समर्थन के बिना बीजेपी का अस्तित्व कुछ भी नहीं है. फिर भी आरएसएस अपनी कही गई बातों को बीजेपी और इनकी सरकारों से लागू क्यों नहीं करवा पा रही है?
सूबे की पूर्व सीएम मायावती ने यूपी सरकार पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा अधिकांश जातिगत, धार्मिक व राजनीतिक द्वेष की भावना से अभी तक जिन मामलों में जिनकी संपत्ति जब्त व ध्वस्त की गई है, उनमें ज्यादातर मुस्लिम लोग प्रभावित हुए हैं. ऐसा मुस्लिम समाज और आम लोगों का मानना है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनावी लाभ के लिए धर्मांतरण को मुद्दा बना रही है. अगर ऐसा कहीं कुछ है तो आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन पूरे मुस्लिम समुदाय को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.
मोहन भागवत ने कही थी ये बात
संघ प्रमुख भागवत ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. उन्होंने मॉब लिंचिंग को लेकर कहा कि इसमें शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं और लोकतंत्र में हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है. हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है, क्योंकि वे अलग नहीं बल्कि एक हैं. उन्होंने कहा था कि पूजा करने के तरीके को लेकर लोगों के बीच अंतर नहीं किया जा सकता. कुछ काम ऐसे हैं, जो राजनीति नहीं कर सकती. उन्होंने साफ कहा कि राजनीति लोगों को एकजुट नहीं कर सकती.