उत्तर प्रदेश एटीएस ने गुरुवार को दिल्ली के सीलमपुर इलाके के निवासी मोहम्मद हारून को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, हारून दिल्ली में कबाड़ के व्यवसाय से जुड़ा हुआ है, लेकिन उस पर पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी मुजम्मल हुसैन के साथ मिलकर अवैध रूप से वीजा दिलाने के नाम पर धन उगाही करने और भारत की आंतरिक सुरक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारियां साझा करने के गंभीर आरोप लगे हैं। एटीएस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। पूछताछ के दौरान उसके पास से दो मोबाइल फोन और करीब 16,900 रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, मोहम्मद हारून, जो अतीकुर्रहमान का पुत्र है, की पाकिस्तान में रिश्तेदारी है और इसी सिलसिले में उसकी पहचान पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात मुजम्मल हुसैन से हुई। जांच में यह सामने आया है कि हारून ने मुजम्मल के साथ मिलकर विभिन्न व्यक्तियों से वीजा दिलाने के नाम पर रकम वसूली और उन्हें कई अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाया।
यह भी पाया गया कि हारून, यह जानते हुए कि मुजम्मल पाकिस्तानी नागरिक है, लगातार उसके संपर्क में रहा और देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां उसके साथ साझा करता रहा। इन सूचनाओं का उपयोग भारत की स्थिरता को प्रभावित करने और आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने के लिए किया गया।
हारून ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने मुजम्मल के निर्देश पर कई बैंक खातों का इस्तेमाल करते हुए पैसे इकट्ठा किए, जो बाद में निश्चित स्थानों पर पहुंचाए जाते थे। कहा जा रहा है कि इन रकमों का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों में होता था। मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार पहले ही मुजम्मल हुसैन को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर देश छोड़ने का निर्देश दे चुकी है।