दिल्ली-एनसीआर में सात माह में एक लाख से अधिक लोग बने डॉग बाइट के शिकार

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। वर्ष 2025 के पहले सात महीनों में एक लाख से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवानी पड़ी है।

सफदरजंग अस्पताल में जनवरी से जुलाई 2025 के बीच कुत्तों के काटने के मामलों में 1,33,010 एंटी-रेबीज डोज लगाई जा चुकी हैं। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, प्रतिदिन औसतन 700 लोग टीकाकरण के लिए पहुंचते हैं, जिनमें लगभग 350 नए और इतने ही पुराने मरीज होते हैं। इनमें से 99 प्रतिशत टीके कुत्तों के काटने के मामलों में ही लगाए गए।

पिछले कुछ महीनों में वैक्सीन की खपत में प्रतिदिन 100 डोज की बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है।

सफदरजंग अस्पताल में महीनेवार टीकाकरण इस प्रकार रहा:
जनवरी – 19,077
फरवरी – 17,230
मार्च – 19,160
अप्रैल – 17,624
मई – 18,903
जून – 18,764
जुलाई – 22,252

सिर्फ सफदरजंग ही नहीं, बल्कि डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी इसी अवधि में 45,432 लोगों को एंटी-रेबीज वैक्सीन दी गई है। दिल्ली के अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों में भी रोज़ाना सैकड़ों लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकतर डॉग बाइट सामान्य या कम गंभीर श्रेणी के होते हैं। हालांकि, रेबीज जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए समय पर टीकाकरण बेहद जरूरी है।

डॉग बाइट की बढ़ती घटनाएं शहरी प्रशासन और स्वास्थ्य तंत्र के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने और आमजन को सतर्क करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाने की जरूरत है।

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