जम्मू में कुदरत का कहर: 45 की मौत, स्कूल-कॉलेज बंद, कई सड़कें ब्लॉक

पहाड़ी राज्यों पर बारिश आफत बनकर बरस रही है. बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाओं में अलग-अलग राज्यों में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है. जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को भारी बारिश और भूस्खलन से भारी तबाही हुई. कई नदियां उफान पर हैं. अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों के आशियाने उजड़ गए हैं. 700 से ज्यादा घर बह गए हैं. वहीं घटना में 45 लोगों की मौत हो गई. इसके साथ अभी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं. ऐसे में जम्मू क्षेत्र के सभी स्कूलों को 30 अगस्त तक बंद रखने का आदेश दिया गया है.

भारी बारिश और बाढ़ के बाद छात्रों, टीचरों और स्कूल कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. स्कूल एजुकेशन डायरेक्टर डॉ. नसीम जावेद चौधरी ने यह आदेश जारी किया, जिसमें संस्थानों को निर्देश दिया गया कि जहां भी इंटरनेट कनेक्टिविटी हो. वहां कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास आयोजित की जाएं.

स्कूलों में जलभराव, कीचड़ जमी

नसीम जावेद चौधरी ने कहा कि स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है और बदलते मौसम और ज़मीनी हालात के आधार पर आगे के निर्देश जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि स्कूल परिसरों में भारी जलभराव और कीचड़ जमा हो गई है. निचले इलाकों में बाढ़ के कारण स्कूलों तक पहुंच सीमित हो रही है. पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और पत्थर गिरने का खतरा बढ़ गया है, जिससे छात्रों और कर्मचारियों के लिए खतरा पैदा हो रहा है.

राहत बचाव कार्य लगातार जारी

नसीम जावेद चौधरी ने आगे बताया कि सड़क के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है, जिसमें अवरुद्ध और क्षतिग्रस्त सड़कें भी शामिल हैं, जिससे यात्रा असुरक्षित हो गई है. जम्मू में प्रभावित इलाकों में राहत बचाव कार्य लगातार जारी है. गुरुवार तक इस घटना में मरने वालों की संख्या 41 थी, जो अब बढ़कर 45 हो गई है. इनमें से ज़्यादातर वैष्णो देवी तीर्थयात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन के शिकार हुए. हालांकि, बुधवार को बारिश कम होने के बाद राहत कार्यों में तेजी आई है.

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