ग्लोबल साउथ की चिंताओं पर ध्यान देने की जरूरत, बी20 शिखर सम्मेलन में बोले विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जी20 का मुख्य उद्देश्य आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना है और अगर ग्लोबल साउथ की महत्वपूर्ण चिंताओं पर बात नहीं की गई तो यह आगे नहीं बढ़ सकता। 

विकासशील देशों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता

बता दें, विदेश मंत्री एस जयशंकर दिल्ली में आयोजित बी20 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि विकासशील देशों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता उस समय अधिक महसूस हुई, जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी। उन्होंने कहा कि जी20 का मुख्य उद्देश्य आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना है। इन उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए ग्लोबल साउथ की महत्वपूर्ण चिंताओं पर बात करने की जरूरत है। 

उत्पादक के बजाय एक उपभोक्ता

उन्होंने आगे कहा कि ग्लोबल साउथ एक उत्पादक के बजाय एक उपभोक्ता बनकर रह गया है। इसके कई कारण हैं जैसे- सब्सिडी, प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और रणनीतिक विकल्प। इन सभी वजहों से वह एक उपभोक्ता बनकर रह गया है। 

वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन बुलाने का मकसद…

उन्होंने कहा कि जब भारत ने पिछले दिसंबर में जी20 की अध्यक्षता संभाली थी, तो हम पूरी तरह से इस बात से सचेत थे कि जब बैठक होगी तो ग्लोबल साउथ (विकासशील देश) मौजूद नहीं होगा। इसलिए प्रधानमंत्री ने जनवरी में वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन बुलाने का फैसला किया। इस साल हमने उनकी चुनौतियों और प्राथमिकताओं के बारे में सुना और उन्हें जी20 एजेंडे का हिस्सा बनाया गया। 

आपातकाल स्थितियों से निपटने के पहले उत्तरदाता के रूप में भी उभरे 
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि आज का भारत वह है, जहां दुनिया एक साथ प्रयोग, विस्तार, तैनाती, नवाचार और सफलताओं का गवाह बनती है। उन्होंने कहा कि मैं इन विकासों पर केवल इसलिए जोर नहीं देता क्योंकि ये दुनिया की आधे से अधिक समस्याओं का समाधान करते हैं। मैं इस पर इसलिए जोर देता हू क्योंकि ये शेष ग्लोबल साउथ को भी एक दिशा देते हैं। जयशंकर ने कहा कि हम फिजी और म्यांमार से लेकर मोजाम्बिक, यमन, तुर्किये तक आपदा, आपातकालीन और संघर्ष स्थितियों से निपटने के पहले उत्तरदाता के रूप में भी उभरे हैं। 

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