नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई H-1B वीजा नीति के ऐलान के बाद भारतीय आईटी कंपनियों के शेयर सोमवार को भारी दबाव में रहे। ट्रंप ने शुक्रवार को H-1B वीजा की एकमुश्त फीस 100,000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपए) करने की घोषणा की, जिससे सुबह के कारोबार में IT दिग्गजों के शेयर 6 फीसदी तक लुढ़क गए।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस, विप्रो, HCL टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा और कोफोर्ज के शेयरों में गिरावट देखी गई। निफ्टी IT इंडेक्स 3 फीसदी से अधिक गिरकर 35,482 अंक पर आ गया।
कंपनियों में हुई गिरावट का हाल
टेक महिंद्रा के शेयर 1,453 रुपए तक गिर गए, वहीं इंफोसिस और TCS के शेयर क्रमशः 1,482 रुपए और 3,065 रुपए पर आ गए। HCL टेक (1,415 रुपए), कोफोर्ज (1,702 रुपए) और एम्फेसिस (2,817 रुपए) में भी 3 फीसदी से अधिक की कमी दर्ज हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब आईटी क्षेत्र वैश्विक मांग में सुधार के संकेत दे रहा था।
H-1B वीजा का भारतीय IT कंपनियों पर असर
भारतीय आईटी कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार सबसे महत्वपूर्ण है। इन कंपनियों को अमेरिका में ऑनसाइट काम के लिए कर्मचारियों को भेजना होता है और इसके लिए H-1B वीजा जरूरी है। नई नीति के तहत अब यह शुल्क कंपनियों को देना होगा।
व्हाइट हाउस ने हालांकि स्पष्ट किया कि 100,000 डॉलर की फीस केवल नए H-1B आवेदनों पर लागू होगी। मौजूदा वीजा धारकों और नवीनीकरण पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। इसके बावजूद कंपनियों को अपने क्लाइंट्स और कर्मचारियों पर इसका प्रभाव संभालने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
IT शेयरों की प्रतिक्रिया अनुमानित थी
विशेषज्ञों ने पहले ही अनुमान लगाया था कि जब भारतीय बाजार सोमवार को खुलेगा, तो IT स्टॉक्स नई वीजा नीति पर नकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे। सोमवार को कारोबार शुरू होते ही यह अंदेशा सच साबित हुआ और बाजार में IT शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली।
निवेशकों के लिए चेतावनी
विशेषज्ञों ने निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं और निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय लेना जरूरी है।