संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही के दौरान विपक्ष जोरदार हंगामा कर रहा है। लगातार हंगामे की वजह से राज्यसभा से आप सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र से बर्खास्त कर दिया। लेकिन इसके बाद भी विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है। विपक्ष की मांग है कि सरकार मणिपुर हिंसा पर सदन में चर्चा करे और पीएम मोदी भी सदन में मणिपुर पर बयान दें। वहीं इस पर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान आया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं को लिखा है कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर जब तक चाहें तब तक चर्चा के लिए तैयार है।
सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा को तैयार
हाल ही में चार मई की घटना का एक वीडियो सामने आने के बाद विपक्ष ने मणिपुर हिंसा पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है, वीडियो में दो महिलाओं को भीड़ ने निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया था। अमित शाह लोकसभा में बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक पर जवाब दे रहे थे तभी उन्होंने कहा कि सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है, और वह मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
शाह बोले- विपक्ष को दलितों में और न ही महिला कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है
जब अमित शाह बोल रहे थे तो विपक्ष के नेता खूब जोर-जोर से नारे लगा रहे थे, तभी उन्होंने कहा कि जो लोग नारे लगा रहे हैं, उन्हें न तो सहयोग में, न ही सहकारी समितियों में, न ही दलितों में और न ही महिला कल्याण में कोई दिलचस्पी है। आगे कहा कि मैं दोहराना चाहता हूं कि मैंने दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखा है कि सरकार जब तक चाहें चर्चा के लिए तैयार है।
लोकसभा ने बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक किया पारित
आगे केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार किसी चीज से नहीं डरती है। जो लोग मणिपुर मुद्दे पर बहस करना चाहते हैं वे बहस कर सकते हैं। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। इसके बाद लोकसभा में बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक को शोर-शराबे के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया। बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य सहकारी समितियों को पारदर्शी बनाकर और नियमित चुनाव की प्रणाली शुरू करके उन्हें मजबूत करना है।