UNSC बैठक में PM मोदी- ‘पायरेसी और आतंकवाद के लिए हो रहा समुद्र का इस्तेमाल’

आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित किया। आपको बता दें कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री के लिए सुरक्षा परिषद की किसी बैठक की अध्यक्षता करने का यह पहला मौका है। UNSC की इस बैठक में समुद्री सुरक्षा पर एक खुली परिचर्चा है, और पीएम मोदी ने वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस परिचर्चा की अध्यक्षता की। इस बैठक में समुद्री अपराधों और इससे जुड़े अंतरराष्ट्रीय खतरों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि समुद्र हमारी साझी विरासत हैं और इसके सामने कई चुनौतियां है। समुद्री रुट का इस्तेमाल लूटपाट और आतंकवाद के लिए हो रहा है।

पीएम मोदी के भाषण के कुछ अहम अंश

आज आतंकी घटना और समुद्री लुटेरों के लिए समंदर के रास्तों का इस्तेमाल हो रहा है, इसलिए हम इस विषय को सुरक्षा परिषद के पास लेकर आए हैं।

समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के आधार पर होना चाहिए। हमें समुद्र से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न चुनौतियां का मिलकर सामना करना चाहिए। इस विषय पर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर भारत ने कई कदम उठाए हैं।

समुद्री सुरक्षा के लिए हमें 5 मूलभूत सिद्धांत अपनाने चाहिए –

1) बिना किसी सीमा के समुद्री व्यापार की छूट, ताकि वैध व्यापार को बढ़ाना मिले,

2) समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक हल किया जाए,

3) जिम्मेदार समुद्री संपर्क को बढ़ावा दिया जाए,

4) समुद्री मार्ग में गैर-सरकारी संगठनोंं से जुड़े खतरों और आपदाओं से मिलकर मुकाबला किया जाए, और आखिर में

5) समुद्री पर्यावरण और संपदा का संरक्षण किया जाए।हम चाहते हैं कि हमारे क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर एक समग्रतापूर्ण फ्रेमवर्क बनाया जाए, जो हमारे सागर विजन पर आधारित हो। ये विजन सभी को एक सुरक्षित और स्थायी समुद्री इलाका मुहैया कराता है।

इस बैठक में क्या है खास?

पीएम मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक खुली परिचर्चा की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। भारत को अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता सौंपी गई है। इससे पहले यह जिम्मेदारी फ्रांस के पास थी। भारत की अध्यक्षता के दौरान तीन उच्चस्तरीय बैठकें आयोजित की जाएंगी, जो समुद्री सुरक्षा, शांति और आतंकवादरोधी मुद्दे पर केंद्रित होंगी।

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