भारत के संविधान में संशोधन की अटकलों को पीएम मोदी ने खारिज किया

पिछले दिनों देश में संविधान में संशोधन को लेकर छिड़ी बहस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विराम लगा दिया है। उन्होंने संविधान में संशोधन किए जाने की किसी भी बात को निरर्थक बताते हुए खारिज कर दिया। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने सबसे परिवर्तनकारी कदमों को ऐसा कुछ किए बिना और जन भागीदारी के जरिए साकार किया गया है।

यह लाए बदलाव
एक साक्षात्कार में मोदी ने देश में लाए गए बदलाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वच्छ भारत, शौचालय निर्माण अभियान से लेकर करीब एक अरब लोगों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने तक के सफर का हवाला दिया। 

देश उड़ान भरने के लिए तैयार
मोदी ने कहा, ‘देश उड़ान भरने के लिए तैयार है और मैं अगले साल होने वाले आम चुनावों में जीत को लेकर बहुत आश्वस्त हूं। अब बस चाहता हूं कि इस उड़ान में तेजी लाई जाए और इसे सुनिश्चित करने करने के लिए सबसे अच्छी पार्टी कौन सी है यह पता है।’ उन्होंने कहा कि उड़ान में तेजी लाने के लिए वहीं पार्टी सबसे अच्छी है, जो उन्हें यहां तक लेकर आई है। 

10 साल पहले की आकांक्षाओं से अलग 
पीएम मोदी ने साक्षात्कार के दौरान अपनी सरकार द्वारा आम आदमी के जीवन में लाए बदलाव का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि लोगों की आकांक्षाएं 10 साल पहले की आकांक्षाओं से अलग हैं। बता दें, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में लौटने और मध्य प्रदेश में अगले साल गर्मियों में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों से पहले पार्टी को बरकरार रखने के कुछ दिनों बाद उनकी यह टिप्पणी आई है।

हिंदू गणराज्य बनाने पर चिंता
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर मोदी की जीत तीसरी बार भी होती है, तो समर्थक इस बात की पुष्टि कर देंगे, जो वो कहते हैं कि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था और वैश्विक सम्मान का निर्माण किया है, लाखों लोगों के जीवन में सुधार किया है और बहुसंख्यक हिंदू धर्म को सार्वजनिक जीवन के केंद्र में रखा है। वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने ‘इंडिया’ के तहत गठबंधन किया है, जो देश के संस्थापकों के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों पर हमला होने के बावजूद ‘लोकतंत्र और संविधान की रक्षा’ का वादा करता है। 

इसमें कहा गया है कि मोदी के विरोधियों को चिंता सता रही है कि अगर वो तीसरी बार जीतते हैं तो वह इसका इस्तेमाल भारत को स्पष्ट रूप से हिंदू गणराज्य बनाने के लिए संविधान में संशोधन करके करेंगे।

आलोचकों को अपनी राय रखने का अधिकार
इस पर मोदी ने कहा कि भाजपा के आलोचकों को अपनी राय रखने का अधिकार है। हालांकि इस तरह के आरोपों के साथ एक बुनियादी मुद्दा है, जो अक्सर आलोचना के रूप में दिखाई देते हैं। ये दावे न केवल भारतीय लोगों की बुद्धिमत्ता का अपमान करते हैं, बल्कि विविधता और लोकतंत्र जैसे मूल्यों के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को भी कम आंकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here