नई दिल्ली: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नए ड्रोन नियम 2021 को आज पारित कर दिया है। जिसके बाद ड्रोन उड़ाने को लेकर नियम बदल गए हैं। ड्रोन को उड़ाने को लेकर नियमों में किए गए बदलावों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर तारीफ की है। नए ड्रोन रूल्स को लेकर किए ट्वीट में उन्होंने कहा है कि ये बदलाव सेक्टर की तरक्की में मील का पत्थर साबित होंगे और युवाओं को इससे बहुत ज्यादा फायदा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, नया ड्रोन नियम भारत में इस सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक शुरूआत है। ये नए नियम विश्वास और स्व-प्रमाणन पर आधारित हैं। अब अप्रूवल, अनुपालन आवश्यकताओं और प्रवेश बाधाओं को काफी कम कर दिया गया है।
एक और ट्वीट में पीएम ने लिखा- नए ड्रोन नियम इस सेक्टर से जुड़े युवाओं और स्टार्ट-अप शुरू करने वालों को काफी मदद करेंगे। यह नवाचार और व्यापार के लिए नई संभावनाएं खोलेगा। यह नवाचार, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में भारत की ताकत बढ़ाएगा और भारत को ड्रोन हब बनाने में मदद करेगा।
नए ड्रोन नियम मौजूदा मानव रहित विमान प्रणाली नियम की जगह लेंगे। केंद्र सरकार ने 15 जुलाई को नए ड्रोन नियमों की घोषणा की थी और 5 अगस्त तक स्टेकहोल्डर और इंडस्ट्री से राय मांगी गई थीं। भारत में ड्रोन संचालित करने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए स्टेकहोल्डरों की ओर से नए नियमों की सराहना की गई थी। जिसके बाद इसे जारी कर दिया गया है।
क्या हैं नए ड्रोन नियम
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से गुरुवार को घोषित ड्रोन नियम 2021 इस तरह से हैं-
- नए नियमों के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है, जिसमें अब भारी पेलोड ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सियां शामिल हैं। ड्रोन के लिए किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। अनुमतियों के लिए अपेक्षित शुल्क भी नाममात्र तक कम कर दिया गया है।
- सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा। अब यूनिक अधिकृत नंबर, यूनिक प्रोटोटाइप पहचान संख्या, अनुरूपता का प्रमाण पत्र ,मेंटेनेंस सर्टिफिकेट, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन का प्राधिकरण, रिमोट पायलट लाइसेंस, ड्रोन पोर्ट प्राधिकरण, ड्रोन घटकों के लिए अनुमोदन समाप्त कर दिए गए हैं।
- नई राष्ट्रीय ड्रोन नीति के तहत, नियमों के उल्लंघन के लिए अधिकतम दंड को घटाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। हालांकि अन्य कानूनों के उल्लंघन के लिए लगाए गए दंड के लिए भी यह लागू नहीं है। व्यवसाय के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए मानव रहित विमान प्रणाली संवर्धन परिषद की स्थापना की जाएगी।
- ड्रोन के आयात को विदेश व्यापार महानिदेशालय नियंत्रित करेगा। कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर भी विकसित किए जाएंगे। डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और लाल क्षेत्रों के साथ इंटरएक्टिव हवाई क्षेत्र का नक्शा प्रदर्शित किया जाएगा। हवाई अड्डे की परिधि से पीले क्षेत्र को 45 किमी से घटाकर 12 किमी कर दिया गया है।
- हवाई अड्डे की परिधि से 8 किमी-12 किमी के बीच के क्षेत्र में ग्रीन जोन और 200 फीट तक के क्षेत्र में ड्रोन के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। सभी जोनों का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा, जिसमें ड्रोन के हस्तांतरण और पंजीकरण के लिए निर्धारित एक आसान प्रक्रिया होगी।
- नई ड्रोन नीति का उद्देश्य भारत में मौजूदा ड्रोन को नियमित करना है। सभी ड्रोन प्रशिक्षण और परीक्षा एक अधिकृत ड्रोन स्कूल द्वारा की जाएगी। डीजीसीए प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा।
- ‘नो परमिशन-नो टेक-ऑफ (एनपीएनटी)’ रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग और इसी तरह की सुरक्षा सुविधाओं को भविष्य में अधिसूचित किया जाएगा। अनुपालन के लिए कम से कम छह महीने का समय दिया जाएगा।