विश्व युवा कौशल दिवस पर पीएम मोदी बोले- लर्निंग के साथ नहीं रुकनी चाहिए अर्निंग

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड स्किल डे के (World Youth Skills Day 2021) मौके पर लर्निंग को अर्निंग से जोड़ने की वकालत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि आज के दौर में स्किल और स्किल डेवलपमेंट सबसे महत्वपूर्ण है. उनका कहना है कि कोरोना से इतनी बड़ी लड़ाई जो लड़ी जा रही है उसमें भी स्किल का बहुत ज्यादा योगदान है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्किलिंग के साथ-साथ री- स्किलिंग भी काफी महत्वपूर्ण है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के दौर में तीन-चार साल में री- स्किलिंग की जरूरत होती है और इसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए. पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले 6 साल में एक करोड़ 25 लाख लोगों के स्किल इंडिया के माध्यम से स्किलिंग किए जाने की भी बात कही.

पीएम मोदी ने कहा, ‘नई पीढ़ी के युवाओं का स्किल डेवलपमेंट, एक राष्ट्रीय जरूरत है, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा आधार है. बीते 6 वर्षों में जो आधार बना, जो नए संस्थान बने, उसकी पूरी ताकत जोड़कर हमें नए सिरे से स्किल इंडिया मिशन को गति देनी है. आज दुनिया में स्किल्स की इतनी डिमांड है कि जो स्किल्ड होगा वही आगे बढ़ेगा. ये बात व्यक्तियों पर भी लागू होती है और देश पर भी.’

आने वाले दिनों में 1 लाख कोरोना वॉरियर्स का होगा प्रशिक्षण

केंद्रीय कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले डेढ़ साल को काफी चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा कि आने वाले दिनों में एक लाख कोरोना वॉरियर्स का स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा. इन कोरोना वॉरियर्स को ऑक्सीजन सिलेंडर ऑपरेट करने के साथ-साथ विभिन्न मेडिकल असिस्टेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी. कोरोना की संभावित तीसरे वेब को देखते हुए यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. इसकी वकालत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की थी.

स्किल का सम्मान जरूरी

केंद्रीय कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और लोकल फॉर वोकल अभियान को बढ़ावा देने के लिए लोगों के आत्मसम्मान के साथ साथ स्किल का सम्मान भी ज़रूरी है. धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि इससे लोगों की प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है. धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि आने वाले 25 सालों में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा तब तक हमें अपनी अर्थव्यवस्था को विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है. प्रधान का कहना है कि पूरा विश्व भारत को लो कॉस्ट सप्लाई चेन के तौर पर देख रहा है और इसके लिए अधिक से अधिक लोगों का स्किल डेवलपमेंट करना जरूरी है. धर्मेंद्र प्रधान ने स्किल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री और नेशनल ओपन स्कूल के बीच हुए एमओयू को भी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया.

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