प्रधानमंत्री मोदी आंध्र प्रदेश में एनएसीआईएन के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को आंध्र प्रदेश के श्री सत्यसाई जिले के पलासमुद्रम का दौरा करेंगे और राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी (एनएसीआईएन) के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान वह लेपाक्षी मंदिर का दौरा भी करेंगे। आंध्र प्रदेश सरकार की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मोदी निर्धारित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए मंगलवार दोपहर पलासमुद्रम पहुंचेंगे और शाम को लौट आएंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री पुरावशेष तस्करी केंद्र, मादक पदार्थ अध्ययन केंद्र और वन्यजीव अपराध जांच केंद्र को देखने के लिए एनएसीआईएन की पहली मंजिल का दौरा करेंगे। बाद में, मोदी एक्स-रे और बैगेज स्क्रीनिंग सेंटर देखने के लिए भूतल का दौरा करेंगे।

इसके बाद कुछ पौधे लगाने और निर्माण श्रमिकों के साथ बातचीत करने के लिए अकादमिक ब्लॉक का दौरा करेंगे। विज्ञप्ति के मुताबिक वह कुछ प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ बातचीत भी करेंगे और ‘फ्लोरा ऑफ पलासमुद्रम’ नामक एक पुस्तक का विमोचन भी करेंगे। प्रधानमंत्री एनएसीआईएन को एक मान्यता प्रमाण पत्र भी प्रदान करेंगे और इस दौरान वह सभी को संबोधित भी करेंगे। मोदी के कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस अब्दुल नजीर और मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के भी शामिल होने की उम्मीद है। इससे पहले, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा था कि लोक सेवा क्षमता निर्माण के माध्यम से शासन में सुधार लाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम के तहत पलासमुद्रम में एनएसीआईएन के नए अत्याधुनिक परिसर की परिकल्पना और निर्माण किया गया है।

500 एकड़ में फैली यह अकादमी अप्रत्यक्ष कराधान (सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और वस्‍तु एवं सेवा कर) और नारकोटिक्स नियंत्रण प्रशासन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए भारत सरकार की सर्वोच्च संस्था है। राष्ट्रीय महत्व का यह विश्व स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय संबद्ध सेवाओं, राज्य सरकारों और भागीदार देशों के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। पीएमओ ने कहा कि इस नए परिसर के जुड़ने से एनएसीआईएन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए संवर्धित और आभासी वास्तविकता, ब्लॉक-चेन के साथ-साथ कृत्रिम मेधा और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों जैसी नए युग की प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा।

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