पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी और फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ बेल्जियम में प्रत्यर्पण प्रक्रिया अगले सोमवार से शुरू हो सकती है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सुनवाई बेल्जियम के संघीय अभियोजक की निगरानी में होगी, जिसमें CBI और भारत के विदेश मंत्रालय की टीम भी सहयोग करेगी।
यह भारत और बेल्जियम के बीच 2020 में हुए प्रत्यर्पण संधि के तहत पहला मामला होगा। मेहुल चोकसी 2023 से बेल्जियम में रह रहे हैं। वह एंटीगुआ और बारबुडा से चिकित्सा उपचार के लिए वहां आए थे। उनकी पत्नी बेल्जियम की नागरिक हैं। जनवरी 2024 में CBI को उनकी बेल्जियम में मौजूदगी की जानकारी मिली और इसके बाद भारत ने प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा।
अप्रैल 2025 में बेल्जियम पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार किया, लेकिन बेल्जियम की अदालतों ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी। CBI ने इस मामले में एक यूरोपीय लॉ फर्म की मदद ली है जो प्रत्यर्पण मामलों में विशेषज्ञ है। CBI की टीम अदालत में दस्तावेज़, साक्ष्य और जानकारी पेश करेगी। एजेंसी ने चार्जशीट, FIR और अन्य सबूत बेल्जियम को सौंपे हैं ताकि यह साबित किया जा सके कि भारत में आरोप बेल्जियम के कानून के तहत भी अपराध माने जाते हैं।
चोकसी पर भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और खातों में गड़बड़ी के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी मामले दर्ज हैं। ये अपराध बेल्जियम के कानून में भी शामिल हैं।
भारत ने प्रत्यर्पण में संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध (UNTOC) और भ्रष्टाचार विरोधी कन्वेंशन (UNCAC) का हवाला दिया है। CBI ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा 2018 और 2021 में जारी दो गिरफ्तारी वारंट भी बेल्जियम को उपलब्ध कराए हैं। भारत ने यह भी कहा कि चोकसी अभी भी भारतीय नागरिक हैं, क्योंकि उन्होंने 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता लेने के बाद भारतीय नागरिकता छोड़ने की आधिकारिक प्रक्रिया पूरी नहीं की। चोकसी 4 जनवरी 2018 को भारत छोड़कर भाग गए थे, ठीक कुछ दिन पहले जब PNB घोटाला सार्वजनिक हुआ।