पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने ऐसे ग्राहकों से बकाया वसूलने के लिए नई रणनीति अपनाई है, जिनके खाते नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) में बदल चुके हैं। इस योजना के तहत बैंक साल में 100 बड़े एनपीए खातों को एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (ARC) को बेचेगा, जो आगे वसूली की कार्रवाई करेंगी।
देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ अशोक चंद्रा के अनुसार, इस साल 4,000 से 5,000 करोड़ रुपये मूल्य वाले 100 से अधिक खातों को चुना गया है। बैंक का अनुमान है कि इन खातों की बिक्री से औसतन 40-50% राशि की वसूली हो सकती है। कुछ खातों में बेहतर सिक्योरिटी होने के कारण पूरी रकम मिलने की संभावना भी है, जबकि कुछ मामलों में रिकवरी कम हो सकती है।
एनपीए ग्राहकों पर असर
यदि किसी ग्राहक का पीएनबी में लिया गया लोन एनपीए घोषित हो गया, तो उसकी वसूली का जिम्मा अब बैंक के बजाय एआरसी के पास होगा। आमतौर पर बैंक सेटलमेंट में कम रकम (20-30%) पर मान जाते हैं, लेकिन खाते के एआरसी को ट्रांसफर होने पर उधारकर्ता को अधिक राशि देकर ही लोन निपटाना पड़ सकता है।
एआरसी वसूली का तरीका
जब कोई ग्राहक समय पर कर्ज नहीं चुकाता, तो बैंक उसका खाता एनपीए घोषित कर एआरसी को बेच देता है। उदाहरण के लिए, 1 लाख रुपये के बकाया वाले खाते को बैंक 30-40 हजार रुपये में एआरसी को बेच सकता है। इसके बाद एआरसी का लक्ष्य रहता है कि उस खाते से खरीदी कीमत से अधिक रकम वसूल कर मुनाफा कमाया जाए।