प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम में आयोजित जनसभा में 1962 के चीनी आक्रमण का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि उस युद्ध के दौरान नेहरू द्वारा असम के लोगों को दिए गए घाव आज भी भरे नहीं हैं।
इस बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने 19 नवंबर 1962 को पंडित नेहरू के राष्ट्र के नाम संबोधन का हवाला देते हुए कहा कि नेहरू ने असम और पूरे नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ खड़े रहने का भरोसा दिया था। पवन खेड़ा ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि वे असम और उत्तर-पूर्व की जनता को भ्रमित कर रहे हैं और देश का ध्यान वोट चोरी जैसे मुद्दों से हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने दारंग जिले में 6,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहा कि असम में विकास की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। उन्होंने कांग्रेस सरकार की गलतियों का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों की जमीन और पूजा स्थलों पर हुए अतिक्रमण को ठीक करने का काम भाजपा सरकार ने शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार ने घुसपैठियों से लाखों एकड़ जमीन वापस हासिल की है और इसका उद्देश्य देश को घुसपैठियों से बचाना है। उन्होंने चेतावनी दी कि घुसपैठियों का समर्थन करने वाले नेताओं को इसकी कीमत चुकानी होगी और देश उन्हें माफ नहीं करेगा।