समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे उनके पति की हत्या हुई थी, वैसे ही संभव है कि उनकी भी हत्या हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी सपा और अखिलेश यादव पर होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी से जुड़े लोग उन्हें सोशल मीडिया पर अपशब्द कह रहे हैं और जान से मारने की धमकियां भी दे रहे हैं।
“पति के हत्यारों को सजा मिल चुकी, अब मौत भी गर्व की बात”
पत्र में पूजा पाल ने लिखा कि उनका लक्ष्य पूरा हो चुका है क्योंकि उनके पति के हत्यारों को सजा मिल गई है। उन्होंने कहा— “अब अगर मुझे भी मौत मिलती है तो मुझे गर्व होगा। लेकिन आपने जिस तरह अपमानित कर मुझे बीच राह में छोड़ दिया है, उससे सपा से जुड़े अपराधियों का हौसला बढ़ गया है।”
जनता और पाल समाज को बताया ताकत
उन्होंने कहा कि पार्टी से निकाले जाने का दर्द उनके लिए छोटा है, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि जनता और पाल समाज उनकी ताकत बनेगा। पूजा पाल ने याद दिलाया कि वह विपरीत परिस्थितियों में बिना सपा के समर्थन के दो बार विधायक चुनी गईं। तीसरी बार वह सपा के टिकट पर जीतीं, लेकिन बाद में एहसास हुआ कि पार्टी में पिछड़े, अति-पिछड़े और दलितों को हाशिये पर रखा जाता है जबकि मुस्लिम नेताओं को प्राथमिकता मिलती है, चाहे वे किसी भी आपराधिक पृष्ठभूमि से क्यों न हों।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार उन्होंने उम्मीद जताई कि अखिलेश यादव उनके पति के हत्यारों को सजा दिलाने में मदद करेंगे, लेकिन उन्हें केवल निराशा ही मिली।
भाजपा प्रत्याशी को वोट देने पर कार्रवाई
पूजा पाल ने कहा कि उनका निष्कासन इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाला। इस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने लिखा कि हाल ही में दिल्ली में कांस्टीट्यूशन क्लब के चुनाव में खुद अखिलेश यादव ने भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया, तो उस पर कोई सवाल क्यों नहीं उठा। उन्होंने भाजपा की तुलना करते हुए कहा कि भाजपा में अपराधियों को सजा दी जाती है, जबकि सपा में उन्हें संरक्षण और सम्मान मिलता है।