लखनऊ: उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंगरेप के एक मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। मामले में दोषी पाए गए पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। गायत्री प्रजापति के साथ आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इन सभी दोषियों को धारा 376(D) के तहत आजीवन कारावास की सजा दी गई और साथ ही 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
मार्च 2017 में गिरफ्तार हुए थे प्रजापति
पूर्व मंत्री प्रजापति चित्रकूट की एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप के आरोप में 18 मार्च 2017 को गिरफ्तार हुए थे। इस मामले में कोर्ट ने बीते दिनों 4 लोगों को बरी भी कर दिया था, लेकिन गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बरी होने वाले अभियुक्त रूपेश्वर उर्फ रूपेश, चंद्रपाल, विकास वर्मा अमरेंद्र सिंह पिंटू थे। अदालत ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को इस बात की जांच के भी आदेश दिए हैं कि किस प्रभाव में आकर गवाही के दौरान पीड़िता ने बार-बार अपने बयान बदले।
यह है पूरा मामला?
18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य 6 अभियुक्तों के खिलाफ गैंगरेप, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। पीड़िता ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर अपने और अपनी नाबालिग बेटी के साथ गैंगेरप करने का आरोप लगाया था। 2013 में पीड़िता चित्रकूट के राम घाट पर गंगा आरती के एक कार्यक्रम में मौजूदा कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति से मिली और आरोपों के मुताबिक, वर्ष 2014 में पहली बार गायत्री ने उसके साथ रेप किया। उसके बाद 2016 तक वह लगातार पीड़िता का अन्य लोगों के साथ मिलकर शारीरिक शोषण करते रहे।