कलबुर्गी। कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूके), कलबुर्गी में बीए द्वितीय वर्ष की छात्राओं को शैक्षणिक भ्रमण के दौरान मस्जिद में हिजाब पहनने के लिए बाध्य किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में इतिहास और पुरातत्व विभाग के एक सहायक प्रोफेसर पर छात्राओं पर दबाव डालने का आरोप है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
इस विषय में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आर.आर. बिरादर ने बताया कि 26 जुलाई को हैदराबाद स्थित लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम के महासचिव ए. संतोष की ओर से शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें सहायक प्रोफेसर अब्दुल मजीद के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।
रजिस्ट्रार ने कहा कि मस्जिद में प्रवेश के दौरान छात्राओं को जबरन हिजाब पहनने के लिए कहा गया, जो शैक्षणिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत चयन के अधिकार के खिलाफ है। इस आरोप की जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर प्रोफेसर दोषी पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब से जुड़े विवाद पहले भी सामने आ चुके हैं। वर्ष 2022 से यह मुद्दा राज्य में संवेदनशील बना हुआ है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने बेंगलुरु के एक नर्सिंग कॉलेज में कश्मीरी छात्राओं के साथ धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को पत्र भी लिखा था।