भारत क्वाड समूह का एक बेहद महत्वपूर्ण सदस्य है। इस ग्रुप का हिस्सा अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया भी है। इस समूह का निर्माण साल 2017 में साउथ-चाइना सी में ड्रैगन के बढ़ते दबदबे को कम करने के लिए किया गया था। हालांकि, अब अमेरिका के सांसद क्वाड को अपग्रेड और क्वाड अंतर संसदीय कार्य समूह की स्थापना करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका के निचले सदन (House of Representatives) में एक प्रस्ताव पेश किया है।
क्षेत्र के लोगों के लिए मिलकर काम करें
अमेरिका की सदन में जापान, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के साथ एक क्वाड अंतर संसदीय कार्य समूह की स्थापना के लिए क्वाड को मजबूत बनाने को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया। प्रस्ताव पेश करने के बाद सदन की विदेश मामलों की समिति के सदस्य व सांसद ग्रेगरी मीक्स ने कहा कि आज यह महत्वपूर्ण है कि इंडो-पैसिफिक में लोकतंत्र क्षेत्रीय नियमों को बनाए रखने और क्षेत्र के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए मिलकर काम करें।
बाइडन ने क्वाड के स्तर को उठाया
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने क्वाड के स्तर को काफी ऊंचा उठा दिया है। वह इसके लिए श्रेय के पात्र है। क्वाड को और मजबूत करने के लिए सांसदों को इससे जोड़ना चाहिए, जिससे वह अन्य देशों के बीच संबंधों को और अच्छा कर सकें।
क्वाड देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच जुड़ाव और गहरा
मीक्स ने कहा कि मैं क्वाड सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक रणनीति की मांग करता हूं। साथ ही, चार क्वाड देशों की विधायिकाओं के बीच संवाद बढ़ाने के लिए एक क्वाड अंतर संसदीय कार्य समूह की भी स्थापना करने का प्रस्ताव रखता हूं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सांसद सकारात्मक क्वाड एजेंडे की वकालत करके स्वतंत्र, खुले और लचीले इंडो-पैसिफिक को बनाए रखने के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि क्वाड अंतर संसदीय कार्य समूह के गठन से सभी मुद्दों पर क्वाड देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच जुड़ाव और गहरा होगा।
सांसद ने आगे कहा कि क्वाड इंट्रा-संसदीय कार्य समूह का गठन संयुक्त राज्य अमेरिका और मैक्सिको, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम के बीच सफल और लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय अंतर-संसदीय समूहों के साथ-साथ अन्य औपचारिक और अनौपचारिक संसदीय आदान-प्रदान पर आधारित होना चाहिए।
साझेदारी से कर रहे काम
विधेयक के अनुसार, क्वाड देश संयुक्त राज्य अमेरिका अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम, जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन सहित संस्थानों के माध्यम से और विश्व बैंक और बहुपक्षीय विकास बैंकों के साथ साझेदारी के माध्यम से काम कर रहे हैं। एशियाई विकास बैंक को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करना चाहिए जो प्रतिस्पर्धी, पारदर्शी और टिकाऊ हों।